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==समाचार==
 
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'''<u>अब से बदल जाएगा इंटरनेट के काम करने का तरीक़ा</u>'''
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अब से दुनिया भर में इंटरनेट के काम करने का तरीक़ा बदल जाएगा। दरअसल 4 फ़रवरी से अंकों के रूप में दिखने वाले आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) पते उपलब्ध नहीं होंगे, क्योंकि इस प्रकार के उपलब्ध सभी आईपी पते आवंटित किए जा चुके हैं। अब पुराने आईपी एड्रेस वर्जन-4 के स्थान पर एक नई प्रणाली इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन-6 (आईपीवी6) उपयोग में लाई जाएगी। आईपीवी-4 की क्षमता सिर्फ़ 32 बिट थी, जबकि आईपीवी-6 की क्षमता को 128 बिट तक ले जाया गया है। इससे इंटरनेट की कार्यप्रणाली और मज़बूत होगी।...
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अब दुनिया भर में इंटरनेट के काम करने का तरीक़ा बदल जाएगा। दरअसल 4 फ़रवरी से अंकों के रूप में दिखने वाले आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) पते उपलब्ध नहीं होंगे, क्योंकि इस प्रकार के उपलब्ध सभी आईपी पते आवंटित किए जा चुके हैं। अब पुराने आईपी एड्रेस वर्जन-4 के स्थान पर एक नई प्रणाली इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन-6 (आईपीवी6) उपयोग में लाई जाएगी। आईपीवी-4 की क्षमता सिर्फ़ 32 बिट थी, जबकि आईपीवी-6 की क्षमता को 128 बिट तक ले जाया गया है। इससे इंटरनेट की कार्यप्रणाली और मज़बूत होगी।...
  
 
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04:49, 6 फ़रवरी 2011 का अवतरण

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समाचार

शुक्रवार, 4 फ़रवरी, 2011

अब बदल जाएगा इंटरनेट के काम करने का तरीक़ा

Internet-news.gif

अब दुनिया भर में इंटरनेट के काम करने का तरीक़ा बदल जाएगा। दरअसल 4 फ़रवरी से अंकों के रूप में दिखने वाले आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) पते उपलब्ध नहीं होंगे, क्योंकि इस प्रकार के उपलब्ध सभी आईपी पते आवंटित किए जा चुके हैं। अब पुराने आईपी एड्रेस वर्जन-4 के स्थान पर एक नई प्रणाली इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन-6 (आईपीवी6) उपयोग में लाई जाएगी। आईपीवी-4 की क्षमता सिर्फ़ 32 बिट थी, जबकि आईपीवी-6 की क्षमता को 128 बिट तक ले जाया गया है। इससे इंटरनेट की कार्यप्रणाली और मज़बूत होगी।...

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