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04:40, 16 मार्च 2011 का अवतरण
- दुर्जनसाल 1824 ई. में भरतपुर की गद्दी पर अनधिकृत क़ब्ज़ा करने वाला जाट सरदार था, जबकि वास्तविक अधिकारी मृतक राजा का नाबालिग पुत्र था।
- ब्रिटिश सरकार ने दुर्जनसाल को मान्यता देने से इंकार कर दिया।
- 1826 ई. में लार्ड कोम्बरमियर के नेतृत्व में एक ब्रिटिश भारतीय फ़ौज भरतपुर पर चढ़ाई के लिए भेजी गई।
- क़िले पर अंग्रेज़ों का अधिकार आसानी से हो गया। दुर्जनसाल को क़ैद करके बाहर भेज दिया गया।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-209
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