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− | गोलाकार भवन को नन्द्यावर्त कहा जाता है। नन्द्यावर्त राजगृह का एक भेद है। इसे गोलघर भी कहा जाता है। नन्द्यावर्त एक ऐसा भवन हैं जिसमें पश्चिम की ओर द्वार नहीं होता है। इस प्रकार पश्चिम द्वार से हीन भवन को 'नन्द्यावर्त' कहा जाता है। [[सारनाथ]] के धमेख स्तूप में नन्द्यावर्त का उल्लेख किया गया है। | + | गोलाकार भवन को नन्द्यावर्त कहा जाता है। नन्द्यावर्त [[राजगृह (वास्तु)|राजगृह]] का एक भेद है। इसे गोलघर भी कहा जाता है। नन्द्यावर्त एक ऐसा भवन हैं जिसमें पश्चिम की ओर द्वार नहीं होता है। इस प्रकार पश्चिम द्वार से हीन भवन को 'नन्द्यावर्त' कहा जाता है। [[सारनाथ]] के धमेख स्तूप में नन्द्यावर्त का उल्लेख किया गया है। |
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10:05, 7 मई 2011 का अवतरण
गोलाकार भवन को नन्द्यावर्त कहा जाता है। नन्द्यावर्त राजगृह का एक भेद है। इसे गोलघर भी कहा जाता है। नन्द्यावर्त एक ऐसा भवन हैं जिसमें पश्चिम की ओर द्वार नहीं होता है। इस प्रकार पश्चिम द्वार से हीन भवन को 'नन्द्यावर्त' कहा जाता है। सारनाथ के धमेख स्तूप में नन्द्यावर्त का उल्लेख किया गया है। इन्हें भी देखें: वास्तु शास्त्र
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टीका टिप्पणी और संदर्भ