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||[[ऋग्वेद]] के प्राय: 250 सूक्तों में [[इन्द्र]] का वर्णन है तथा 50 सूक्त ऐसे हैं, जिनमें दूसरे देवों के साथ इन्द्र का वर्णन है। इस प्रकार लगभग ऋग्वेद के चतुर्थांश में इन्द्र का वर्णन पाया जाता है। इससे हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि, इन्द्र वैदिक युग का सर्वप्रिय देवता था। इन्द्र शब्द की व्युत्पत्ति एवं अर्थ अस्पष्ट है। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[इन्द्र]]  
  
 
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-[[परशुराम]] ऋषि को
 
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+[[इन्द्र]] देव को
 
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||[[ऋग्वेद]] के प्राय: 250 सूक्तों में [[इन्द्र]] का वर्णन है तथा 50 सूक्त ऐसे हैं, जिनमें दूसरे देवों के साथ इन्द्र का वर्णन है। इस प्रकार लगभग ऋग्वेद के चतुर्थांश में इन्द्र का वर्णन पाया जाता है। इससे हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि इन्द्र वैदिक युग का सर्वप्रिय देवता था। इन्द्र शब्द की व्युत्पत्ति एवं अर्थ अस्पष्ट है। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[इन्द्र]]  
  
 
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-[[पानीपत युद्ध|पानीपत]]  
 
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+[[कुरुक्षेत्र]]
 
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||कुरुक्षेत्र [[हरियाणा]] राज्य का एक प्रमुख ज़िला है। यह हरियाणा के उत्तर में स्थित है तथा [[अम्बाला]], यमुना नगर, करनाल और [[कैथल]] से घिरा हुवा है। माना जाता है कि, यहीं [[महाभारत]] की लड़ाई हुई थी और भगवान [[कृष्ण]] ने [[अर्जुन]] को [[गीता]] का उपदेश यहीं पर ज्योतीसर नामक स्थान पर दिया था। यह ज़िला बासमती [[चावल]] के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। कुरुक्षेत्र का पौराणिक महत्त्व अधिक माना जाता है। इसका [[ॠग्वेद]] और [[यजुर्वेद]] में अनेक स्थानो पर वर्णन किया गया है। यहाँ की पौराणिक नदी [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] का भी अत्यन्त महत्त्व है। इसके अतिरिक्त अनेक [[पुराण|पुराणों]], स्मृतियों और महर्षि [[वेदव्यास]] रचित [[महाभारत]] में इसका विस्तृत वर्णन किया गया हैं। विशेष तथ्य यह है कि, कुरुक्षेत्र की पौराणिक सीमा 48 कोस की मानी गई है, जिसमें कुरुक्षेत्र के अतिरिक्त कैथल, करनाल, पानीपत और जिंद का क्षेत्र सम्मिलित हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कुरुक्षेत्र]]
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||कुरुक्षेत्र [[हरियाणा]] राज्य का एक प्रमुख ज़िला है। यह हरियाणा के उत्तर में स्थित है तथा [[अम्बाला]], यमुना नगर, करनाल और [[कैथल]] से घिरा हुवा है। माना जाता है कि, यहीं [[महाभारत]] की लड़ाई हुई थी और भगवान [[कृष्ण]] ने [[अर्जुन]] को [[गीता]] का उपदेश यहीं पर ज्योतीसर नामक स्थान पर दिया था। यह ज़िला बासमती [[चावल]] के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। कुरुक्षेत्र का पौराणिक महत्त्व अधिक माना जाता है। इसका [[ऋग्वेद]] और [[यजुर्वेद]] में अनेक स्थानो पर वर्णन किया गया है। यहाँ की पौराणिक नदी [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] का भी अत्यन्त महत्त्व है। इसके अतिरिक्त अनेक [[पुराण|पुराणों]], स्मृतियों और महर्षि [[वेदव्यास]] रचित [[महाभारत]] में इसका विस्तृत वर्णन किया गया हैं। विशेष तथ्य यह है कि, कुरुक्षेत्र की पौराणिक सीमा 48 कोस की मानी गई है, जिसमें कुरुक्षेत्र के अतिरिक्त कैथल, करनाल, पानीपत और जिंद का क्षेत्र सम्मिलित हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कुरुक्षेत्र]]
  
  

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1 पाण्डव नकुल की माता का नाम क्या था-

कुंती
माद्री
जानकी
सुभद्रा

2 अर्जुन ने जयद्रथ को कब तक मार देने की प्रतिज्ञा की थी?

सूर्यास्त से पहले
सूर्योदय से पहले
सांयकाल से पहले
प्रातकाल से पहले

3 कर्ण को अमोघ शक्ति प्रदान की थी-

सूर्य
कृष्ण
इन्द्र
वरुण

4 बलराम की पत्नी का क्या नाम था?

रुक्मणी
रेवती
रम्भा
भद्रा

5 कृष्ण के वंश का क्या नाम था?

इक्ष्वाकु
भरत
सूर्य
भीमसात्वत

6 पाण्डवों की ओर से लड़ने वाला कौरव था?

युयुत्स
दु:शासन
लक्ष्मण
शिशुपाल

8 महाभारत में बलराम की भूमिका क्या थी?

पाण्डवों की ओर से लड़े
कौरवों की ओर से लड़े
तीर्थाटन के लिए चले गये
युद्ध देखते रहे

9 महाभारत में कृष्ण की सेना किसकी ओर से लड़ी?

आधी कौरव और आधी पाण्डवों की ओर से
कौरवों की ओर से
पाण्डवों की ओर से
उदासीन रही

10 महाभारत युद्ध में कर्ण के सारथी का नाम क्या था?

शल्य
अधिरथ
श्रुतकीर्ति
भद्रसेन

11 कर्ण ने अपने कवच-कुण्डल किसे दान दिये?

दुर्वासा ऋषि को
वसिष्ठ ऋषि को
परशुराम ऋषि को
इन्द्र देव को

12 निम्न में से कौन अतिरथी नहीं था?

द्रोणाचार्य
भीष्म
कृष्ण
अर्जुन

13 भीष्म कितनी सेना समाप्त करके जल गृहण करते थे?

एक हजार
पाँच हजार
दस हजार
अट्ठारह हजार

14 चक्रव्यूह की रचना किसने की थी?

शकुनि
द्रोणाचार्य
जयद्रथ
विदुर

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