"अंग" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=अंग|लेख का नाम=अंग (बहुविकल्पी)}}
 
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=अंग|लेख का नाम=अंग (बहुविकल्पी)}}
{{शब्द संदर्भ लघु|हिन्दी= '''अङ्ग् अथवा अंग''', शरीर के विभिन्न अवयव जैसे-[[आँख]], [[कान]], हाथ आदि, प्राचीनकाल में सेना के चार प्रकार-[[हाथी]], घोड़े, [[रथ]] और पैदल, [[वेद]] के अध्ययन के लिए आवश्यक 6 विषय-शिक्षा,कल्प, [[व्याकरण]], निरुक्त, [[छन्द]],ज्योतिष, एक प्रेम-सूचक या आत्मीयता प्रकट करनेवाला सम्बोधन, ओर, पार्श्व, तरफ़, पक्ष।|व्याकरण=पुल्लिंग|उदाहरण=हर ज्यों अनंग पर, गरुड़ भुजंग पर, [[कौरव]] के '''अंग''' पर, पारथ ज्यों देखिए।<ref>भूषण ग्रन्थ.(408) </ref>|विशेष=उक्त शिक्षा आदि 6 '''अंग''' 'वेदांग' कहे जाते हैं। |विलोम=|पर्यायवाची=अवयव, गात, गात्र, पक्ष, व्यंजन, साधन, |संस्कृत=अङ्ग्+अच्|अन्य ग्रंथ=|संबंधित शब्द=|संबंधित लेख=}}
+
{{शब्द संदर्भ लघु|हिन्दी= '''अङ्ग अथवा अंग''', शरीर के विभिन्न अवयव जैसे-[[आँख]], [[कान]], हाथ आदि, प्राचीनकाल में सेना के चार प्रकार-[[हाथी]], घोड़े, [[रथ]] और पैदल, [[वेद]] के अध्ययन के लिए आवश्यक 6 विषय-शिक्षा,कल्प, [[व्याकरण]], निरुक्त, [[छन्द]],ज्योतिष, एक प्रेम-सूचक या आत्मीयता प्रकट करनेवाला सम्बोधन, ओर, पार्श्व, तरफ़, पक्ष।|व्याकरण=पुल्लिंग|उदाहरण=हर ज्यों अनंग पर, गरुड़ भुजंग पर, [[कौरव]] के '''अंग''' पर, पारथ ज्यों देखिए।<ref>भूषण ग्रन्थ.(408) </ref>|विशेष=उक्त शिक्षा आदि 6 '''अंग''' 'वेदांग' कहे जाते हैं। |विलोम=|पर्यायवाची=अवयव, गात, गात्र, पक्ष, व्यंजन, साधन, |संस्कृत=अङ्ग्+अच्|अन्य ग्रंथ=|संबंधित शब्द=|संबंधित लेख=}}
 
==टीका टिप्पणीऔर संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणीऔर संदर्भ==
  
 
<references/>
 
<references/>
 
__INDEX__
 
__INDEX__

05:38, 5 जुलाई 2011 का अवतरण

Disamb2.jpg अंग एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अंग (बहुविकल्पी)
शब्द संदर्भ
हिन्दी अङ्ग अथवा अंग, शरीर के विभिन्न अवयव जैसे-आँख, कान, हाथ आदि, प्राचीनकाल में सेना के चार प्रकार-हाथी, घोड़े, रथ और पैदल, वेद के अध्ययन के लिए आवश्यक 6 विषय-शिक्षा,कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द,ज्योतिष, एक प्रेम-सूचक या आत्मीयता प्रकट करनेवाला सम्बोधन, ओर, पार्श्व, तरफ़, पक्ष।
-व्याकरण    पुल्लिंग
-उदाहरण   हर ज्यों अनंग पर, गरुड़ भुजंग पर, कौरव के अंग पर, पारथ ज्यों देखिए।[1]
-विशेष    उक्त शिक्षा आदि 6 अंग 'वेदांग' कहे जाते हैं।
-विलोम   
-पर्यायवाची    अवयव, गात, गात्र, पक्ष, व्यंजन, साधन,
संस्कृत अङ्ग्+अच्
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश

टीका टिप्पणीऔर संदर्भ

  1. भूषण ग्रन्थ.(408)