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*खगोल विज्ञान [[विज्ञान]] का प्राचीनतम विज्ञान है, जिसका अध्ययन [[सूर्य ग्रह|सूर्य]], और [[चंद्र ग्रह|चंद्र]] और दृश्य ग्रहों के साथ शुरू हुआ। | *खगोल विज्ञान [[विज्ञान]] का प्राचीनतम विज्ञान है, जिसका अध्ययन [[सूर्य ग्रह|सूर्य]], और [[चंद्र ग्रह|चंद्र]] और दृश्य ग्रहों के साथ शुरू हुआ। | ||
*आधुनिक खगोलवेत्ता अभी भी खगोलीय वस्तुओं की स्थिति, चमक, अगति तथा अन्य पर्यवेक्षण योग्य विशेषताओं के अध्ययन तथा खगोलीय मेकानिक्स के नियमों के आधार पर उनकी [[गति]] के बारे में भविष्यवाणी करने में लगे हैं। | *आधुनिक खगोलवेत्ता अभी भी खगोलीय वस्तुओं की स्थिति, चमक, अगति तथा अन्य पर्यवेक्षण योग्य विशेषताओं के अध्ययन तथा खगोलीय मेकानिक्स के नियमों के आधार पर उनकी [[गति]] के बारे में भविष्यवाणी करने में लगे हैं। | ||
− | *खगोल भौतिकी शास्त्रीय खगोल विज्ञान से 19वीं-20वीं सदी में उत्पन्न हुई है जो क्वांटम मेकनिक्स, सापेक्षता का सिद्धांत और [[अणु]], [[परमाणु]], नाभिकीय और आरंभिक कणीय भौतिकी के उपयोग द्वारा पर्यवेक्षित खगोलीय घटनाओं की व्याख्या करता है। | + | *खगोल भौतिकी शास्त्रीय खगोल विज्ञान से 19वीं-20वीं [[सदी]] में उत्पन्न हुई है जो क्वांटम मेकनिक्स, सापेक्षता का सिद्धांत और [[अणु]], [[परमाणु]], नाभिकीय और आरंभिक कणीय भौतिकी के उपयोग द्वारा पर्यवेक्षित खगोलीय घटनाओं की व्याख्या करता है। |
*खगोल भौतिकवेत्ता ब्रह्मांड के संघटकों को [[तापमान]], [[दाब]], [[घनत्व]] और रासायनिक बनावट के रूप में चरित्र चित्रित करते हैं। | *खगोल भौतिकवेत्ता ब्रह्मांड के संघटकों को [[तापमान]], [[दाब]], [[घनत्व]] और रासायनिक बनावट के रूप में चरित्र चित्रित करते हैं। | ||
*यद्यपि खगोल वेत्ता शब्द अभी भी उपयोग होता है किन्तु वास्तविकता में सभी खगोलवेत्ताओं का प्रशिक्षण खगोल भौतिकी में होता है। | *यद्यपि खगोल वेत्ता शब्द अभी भी उपयोग होता है किन्तु वास्तविकता में सभी खगोलवेत्ताओं का प्रशिक्षण खगोल भौतिकी में होता है। |
10:56, 3 अक्टूबर 2011 का अवतरण
- खगोल विज्ञान विज्ञान का प्राचीनतम विज्ञान है, जिसका अध्ययन सूर्य, और चंद्र और दृश्य ग्रहों के साथ शुरू हुआ।
- आधुनिक खगोलवेत्ता अभी भी खगोलीय वस्तुओं की स्थिति, चमक, अगति तथा अन्य पर्यवेक्षण योग्य विशेषताओं के अध्ययन तथा खगोलीय मेकानिक्स के नियमों के आधार पर उनकी गति के बारे में भविष्यवाणी करने में लगे हैं।
- खगोल भौतिकी शास्त्रीय खगोल विज्ञान से 19वीं-20वीं सदी में उत्पन्न हुई है जो क्वांटम मेकनिक्स, सापेक्षता का सिद्धांत और अणु, परमाणु, नाभिकीय और आरंभिक कणीय भौतिकी के उपयोग द्वारा पर्यवेक्षित खगोलीय घटनाओं की व्याख्या करता है।
- खगोल भौतिकवेत्ता ब्रह्मांड के संघटकों को तापमान, दाब, घनत्व और रासायनिक बनावट के रूप में चरित्र चित्रित करते हैं।
- यद्यपि खगोल वेत्ता शब्द अभी भी उपयोग होता है किन्तु वास्तविकता में सभी खगोलवेत्ताओं का प्रशिक्षण खगोल भौतिकी में होता है।
- आधुनिक खगोल विज्ञान का वृहद् लक्ष्य एक सम्मिलित समग्र सिद्धांत का विकास करना है जो ब्रह्मांड की उत्पत्ति, विकास और संभावित घनत्व की व्याख्या कर सके।
- दूसरे शब्दों में, प्रयास का ऐसा क्षेत्र जिसे कास्मोलॉजी या ब्रह्मांडिकी के नाम से जाना जाए।
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