"पुष्य नक्षत्र" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भि�)
पंक्ति 9: पंक्ति 9:
 
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में [[पीपल]] वृक्ष के पेड  को भी लगाते है।  
 
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में [[पीपल]] वृक्ष के पेड  को भी लगाते है।  
  
{{लेख प्रगति
+
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
|आधार=आधार1
 
|प्रारम्भिक=
 
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|शोध=
 
}}
 
  
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

07:28, 27 जुलाई 2012 का अवतरण

पुष्य नक्षत्र कर्क राशि के 3-20 अंश से 16-40 अंश तक है। यह नक्षत्र सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

अर्थ - पोषण
देव - बृहस्पति

  • इसे 'ज्योतिष्य और अमरेज्य' भी कहते हैं। अमरेज्य शब्द का अर्थ है- देवताओं का पूज्य।
  • इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है, पर इसके गुण गुरु के गुणों से अधिक मिलते हैं।
  • पुष्य में बृहस्पति का व्रत और पूजन किया जाता है।
  • पुष्य नक्षत्र के देवता शनि को माना जाता है।
  • पीपल के पेड को पूष्य नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग पीपल वृक्ष की पूजा करते है।
  • इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में पीपल वृक्ष के पेड को भी लगाते है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख