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('*चद्रवंश में उत्पन्न क्षत्रिय चद्रवंशी कहलाए। *एक ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
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*पुराने जमाने में हमारे यहाँ राजपूतों के दो ख़ानदान बहुत प्रसिद्ध थे। एक चन्द्रवंश, दूसरा [[सूर्यवंश]]।
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*एक अन्य कथा के अनुसार चन्द्रमा ने वृहस्पति की पत्नी तारा का अपहरण किया था जिससे उसे बुध नाम का पुत्र उत्पन्न हुआ जो बाद में क्षत्रियों के चंद्रवंश का प्रवर्तक हुआ।
 
*चद्रवंश में उत्पन्न क्षत्रिय [[चद्रवंशी]] कहलाए।
 
*चद्रवंश में उत्पन्न क्षत्रिय [[चद्रवंशी]] कहलाए।
*एक विवरण के अनुसार काशी के राज इंद्रजीत के पुरोहित की कन्या हेमवती अत्यन्त सुंदर थी। एक दिन जब वह कुंड में स्नान कर रही थी उसे देखकर [[चंद्र देवता|चंद्रमा]] मोहित हो गया। दोनों के मिलन से एक पुत्र पैदा हुआ।
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*चन्द्रवंश बहुत बढ़ा और उत्तर तथा मध्य भारत के विभिन्न प्रदेशों में इसकी शाखाएँ स्थापित हुई ।
*चन्द्रमा के पुत्र का नाम चंद्रवर्मा था।
 
*चंद्रवर्मा नाम के इस पुत्र का पालन- पोषण खुजराहो के राजा के यहाँ हुआ था। इसी चंद्रवर्मा के वंशज चद्रवंशी कहलाये।
 
 
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06:26, 23 जून 2010 का अवतरण

  • पुराने जमाने में हमारे यहाँ राजपूतों के दो ख़ानदान बहुत प्रसिद्ध थे। एक चन्द्रवंश, दूसरा सूर्यवंश
  • एक अन्य कथा के अनुसार चन्द्रमा ने वृहस्पति की पत्नी तारा का अपहरण किया था जिससे उसे बुध नाम का पुत्र उत्पन्न हुआ जो बाद में क्षत्रियों के चंद्रवंश का प्रवर्तक हुआ।
  • चद्रवंश में उत्पन्न क्षत्रिय चद्रवंशी कहलाए।
  • चन्द्रवंश बहुत बढ़ा और उत्तर तथा मध्य भारत के विभिन्न प्रदेशों में इसकी शाखाएँ स्थापित हुई ।