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[[कृष्ण]] को ही केशव कहा जाता है। [[हरिवंश]] के वर्णन से प्रतीत होता है कि केशी [[कंस]] का परम प्रिय भाई या मित्र था। केशी को मारने से कृष्ण का नाम 'केशव' हुआ। [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार केशी घोड़े का रूप बना कर कृष्ण को मारने गया था।<ref>[[ब्रह्मपुराण]] 190,22-48</ref> <ref>भागवद-गीता 37, 1-25</ref><ref>[[विष्णु पुराण]] 16, 1-28</ref>
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[[कृष्ण]] को ही केशव कहा जाता है। [[हरिवंश]] के वर्णन से प्रतीत होता है कि केशी [[कंस]] का परम प्रिय भाई या मित्र था। केशी को मारने से कृष्ण का नाम 'केशव' हुआ। [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार केशी घोड़े का रूप बना कर कृष्ण को मारने गया था।<ref>[[ब्रह्मपुराण]] 190,22-48</ref> <ref>भागवद-[[गीता]] 37, 1-25</ref><ref>[[विष्णु पुराण]] 16, 1-28</ref>
  
 
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11:58, 29 जुलाई 2010 का अवतरण

कृष्ण को ही केशव कहा जाता है। हरिवंश के वर्णन से प्रतीत होता है कि केशी कंस का परम प्रिय भाई या मित्र था। केशी को मारने से कृष्ण का नाम 'केशव' हुआ। पुराणों के अनुसार केशी घोड़े का रूप बना कर कृष्ण को मारने गया था।[1] [2][3]

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