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− | '''रविदास मंदिर''' [[वाराणसी]] में स्थित है। [[रविदास|संत रविदास]] के नाम पर [[काशी]] में [[बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय|बीएचयू]] के पीछे डाफी क्षेत्र में संत रविदास मंदिर स्थित है। सफेद संगमरमर से निर्मित इस मंदिर का गुम्बद सुनहरे रंग का है जो देखने में बेहद खूबसूरत एवं भव्य लगता है। दूर से ही मंदिर की चमक दिखाई देने लगती है। वहीं, जब इस गुम्बद पर [[सूर्य]] की रोशनी टकराती है तो मंदिर की छटा और बढ़ जाती है। रविदास जयंती पर दर्शनार्थियों का मंदिर में तांता लगा रहता है। | + | '''रविदास मंदिर''' [[वाराणसी]] में स्थित है। [[रविदास|संत रविदास]] के नाम पर [[काशी]] में [[बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय|बीएचयू]] के पीछे डाफी क्षेत्र में संत रविदास मंदिर स्थित है। सफेद संगमरमर से निर्मित इस मंदिर का गुम्बद सुनहरे रंग का है जो देखने में बेहद खूबसूरत एवं भव्य लगता है। दूर से ही मंदिर की चमक दिखाई देने लगती है। वहीं, जब इस गुम्बद पर [[सूर्य]] की रोशनी टकराती है तो मंदिर की छटा और बढ़ जाती है। रविदास जयंती पर दर्शनार्थियों का मंदिर में तांता लगा रहता है। ख़ासकर [[पंजाब]] से तो जत्था का जत्था रविदास मंदिर पहुंचता है। इस दौरान पूरा डाफी क्षेत्र उत्सवमय हो जाता है। |
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13:30, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
रविदास मंदिर वाराणसी में स्थित है। संत रविदास के नाम पर काशी में बीएचयू के पीछे डाफी क्षेत्र में संत रविदास मंदिर स्थित है। सफेद संगमरमर से निर्मित इस मंदिर का गुम्बद सुनहरे रंग का है जो देखने में बेहद खूबसूरत एवं भव्य लगता है। दूर से ही मंदिर की चमक दिखाई देने लगती है। वहीं, जब इस गुम्बद पर सूर्य की रोशनी टकराती है तो मंदिर की छटा और बढ़ जाती है। रविदास जयंती पर दर्शनार्थियों का मंदिर में तांता लगा रहता है। ख़ासकर पंजाब से तो जत्था का जत्था रविदास मंदिर पहुंचता है। इस दौरान पूरा डाफी क्षेत्र उत्सवमय हो जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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