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− | [[भागलपुर]] के निकट स्थित चम्पा नगर महान पराक्रमी शूरवीर [[कर्ण]] की राजधानी मानी जाती है। यह [[बिहार]] के मैदानी क्षेत्र का आख़िरी सिरा और बिहार- [[झारखंड]] के कैमूर की पहाड़ी का मिलन स्थल है। | + | *[[भागलपुर]] के निकट स्थित चम्पा नगर महान पराक्रमी शूरवीर [[कर्ण]] की राजधानी मानी जाती है। यह [[बिहार]] के मैदानी क्षेत्र का आख़िरी सिरा और बिहार- [[झारखंड]] के कैमूर की पहाड़ी का मिलन स्थल है। |
− | + | *चम्पा बिहार में भागलपुर के ज़िले में स्थित है। | |
− | चम्पा बिहार में भागलपुर के ज़िले में स्थित है। चम्पा का प्राचीन काल में आर्थिक - धार्मिक महत्व था। यह [[गंगा नदी]] के तट पर स्थित आर्थिक व्यापारिक केन्द्रों से जुड़ी थी। [[महाजनपद]] युग में चम्पा [[अंग|अंग महाजनपद]] की राजधानी थी। [[मौर्य काल|मौर्य]] पूर्व काल में चम्पा एक विकसित शिल्प-व्यापारिक नगरी थी। हाथीदांत, शीशे के शिल्प के लिए बहुत चर्चित थी। यहां का रेशमी वस्त्र व्यवसाय बहुत प्रसिद्ध था। भगवान [[बुद्ध]] और [[महावीर|भगवान महावीर]] के प्रचार का यह प्रमुख केन्द्र रहा था। जैन तीर्थंकर वसुपूज्य की जन्मस्थली चम्पा नगरी थी। चम्पा से [[शुंग|शुंगकालीन]] मृण्मूर्तियां भी मिली हैं। [[फाह्यान]] ने चम्पा की यात्रा की थी तथा इसके वैभव का उल्लेख किया है। [[ह्वेन त्सांग|ह्वेनसांग]] ने चम्पा को 'चेनपो' नाम से वर्णित किया है। | + | *चम्पा का प्राचीन काल में आर्थिक - धार्मिक महत्व था। |
− | + | *यह [[गंगा नदी]] के तट पर स्थित आर्थिक व्यापारिक केन्द्रों से जुड़ी थी। | |
− | ईसा पूर्व 5वीं सदी में भागलपुर को चंपावती के नाम से जाना जाता था। यह वह काल था जब गंगा के मैदानी क्षेत्रों में भारतीय सम्राटों का वर्चस्व बढ़ता जा रहा था। [[अंग]] महाजनपद को पुराने समय में 'मलिनी', 'चम्पापुरी', 'चम्पा मलिनी', 'कला मलिनी' आदि के नाम से जाना जाता था। [[अथर्ववेद]] में अंग महाजनपद को अपवित्र माना जाता है जबकि [[कर्ण पर्व महाभारत|कर्ण पर्व]] में अंग को एक ऐसे प्रदेश के रूप में जाना जाता था जहां पत्नी और बच्चों को बेचा जाता है। वहीं दूसरी ओर [[महाभारत]] में अंग (चम्पा) को एक तीर्थस्थल के रूप में पेश किया गया है। इस ग्रंथ के अनुसार अंग राजवंश के संस्थापक राजकुमार अंग थे जबकि [[रामायण]] के अनुसार यह वह स्थान है जहां कामदेव ने अपने अंग को काटा था। | + | *[[महाजनपद]] युग में चम्पा [[अंग|अंग महाजनपद]] की राजधानी थी। |
+ | *[[मौर्य काल|मौर्य]] पूर्व काल में चम्पा एक विकसित शिल्प-व्यापारिक नगरी थी। | ||
+ | *हाथीदांत, शीशे के शिल्प के लिए बहुत चर्चित थी। यहां का रेशमी वस्त्र व्यवसाय बहुत प्रसिद्ध था। | ||
+ | *भगवान [[बुद्ध]] और [[महावीर|भगवान महावीर]] के प्रचार का यह प्रमुख केन्द्र रहा था। | ||
+ | *[[जैन]] [[तीर्थंकर]] वसुपूज्य की जन्मस्थली चम्पा नगरी थी। | ||
+ | *चम्पा से [[शुंग|शुंगकालीन]] मृण्मूर्तियां भी मिली हैं। | ||
+ | *[[फाह्यान]] ने चम्पा की यात्रा की थी तथा इसके वैभव का उल्लेख किया है। | ||
+ | *[[ह्वेन त्सांग|ह्वेनसांग]] ने चम्पा को 'चेनपो' नाम से वर्णित किया है। | ||
+ | *ईसा पूर्व 5वीं सदी में भागलपुर को चंपावती के नाम से जाना जाता था। यह वह काल था जब गंगा के मैदानी क्षेत्रों में भारतीय सम्राटों का वर्चस्व बढ़ता जा रहा था। | ||
+ | *[[अंग]] महाजनपद को पुराने समय में 'मलिनी', 'चम्पापुरी', 'चम्पा मलिनी', 'कला मलिनी' आदि के नाम से जाना जाता था। | ||
+ | *[[अथर्ववेद]] में अंग महाजनपद को अपवित्र माना जाता है जबकि [[कर्ण पर्व महाभारत|कर्ण पर्व]] में अंग को एक ऐसे प्रदेश के रूप में जाना जाता था जहां पत्नी और बच्चों को बेचा जाता है। वहीं दूसरी ओर [[महाभारत]] में अंग (चम्पा) को एक तीर्थस्थल के रूप में पेश किया गया है। इस ग्रंथ के अनुसार अंग राजवंश के संस्थापक राजकुमार अंग थे जबकि [[रामायण]] के अनुसार यह वह स्थान है जहां कामदेव ने अपने अंग को काटा था। | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
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11:51, 29 अगस्त 2010 का अवतरण
- भागलपुर के निकट स्थित चम्पा नगर महान पराक्रमी शूरवीर कर्ण की राजधानी मानी जाती है। यह बिहार के मैदानी क्षेत्र का आख़िरी सिरा और बिहार- झारखंड के कैमूर की पहाड़ी का मिलन स्थल है।
- चम्पा बिहार में भागलपुर के ज़िले में स्थित है।
- चम्पा का प्राचीन काल में आर्थिक - धार्मिक महत्व था।
- यह गंगा नदी के तट पर स्थित आर्थिक व्यापारिक केन्द्रों से जुड़ी थी।
- महाजनपद युग में चम्पा अंग महाजनपद की राजधानी थी।
- मौर्य पूर्व काल में चम्पा एक विकसित शिल्प-व्यापारिक नगरी थी।
- हाथीदांत, शीशे के शिल्प के लिए बहुत चर्चित थी। यहां का रेशमी वस्त्र व्यवसाय बहुत प्रसिद्ध था।
- भगवान बुद्ध और भगवान महावीर के प्रचार का यह प्रमुख केन्द्र रहा था।
- जैन तीर्थंकर वसुपूज्य की जन्मस्थली चम्पा नगरी थी।
- चम्पा से शुंगकालीन मृण्मूर्तियां भी मिली हैं।
- फाह्यान ने चम्पा की यात्रा की थी तथा इसके वैभव का उल्लेख किया है।
- ह्वेनसांग ने चम्पा को 'चेनपो' नाम से वर्णित किया है।
- ईसा पूर्व 5वीं सदी में भागलपुर को चंपावती के नाम से जाना जाता था। यह वह काल था जब गंगा के मैदानी क्षेत्रों में भारतीय सम्राटों का वर्चस्व बढ़ता जा रहा था।
- अंग महाजनपद को पुराने समय में 'मलिनी', 'चम्पापुरी', 'चम्पा मलिनी', 'कला मलिनी' आदि के नाम से जाना जाता था।
- अथर्ववेद में अंग महाजनपद को अपवित्र माना जाता है जबकि कर्ण पर्व में अंग को एक ऐसे प्रदेश के रूप में जाना जाता था जहां पत्नी और बच्चों को बेचा जाता है। वहीं दूसरी ओर महाभारत में अंग (चम्पा) को एक तीर्थस्थल के रूप में पेश किया गया है। इस ग्रंथ के अनुसार अंग राजवंश के संस्थापक राजकुमार अंग थे जबकि रामायण के अनुसार यह वह स्थान है जहां कामदेव ने अपने अंग को काटा था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
भागलपुर:एक परिचय (हिंदी) (एच टी एम एल) kaverinews.com। अभिगमन तिथि: 14 अगस्त, 2010।
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