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||[[चित्र:God-Brahma.jpg|right|100px|ब्रह्मा]]सर्वश्रेष्ठ पौराणिक त्रिदेवों में [[ब्रह्मा]], [[विष्णु]] एवं [[शिव]] की गणना होती है। इनमें 'ब्रह्मा' का नाम पहले आता है, क्योंकि वे विश्व के आद्य सृष्टा, प्रजापति, पितामह तथा हिरण्यगर्भ हैं। [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार [[क्षीरसागर]] में शेषशायी [[विष्णु]] के नाभिकमल से ब्रह्मा की स्वयं उत्पत्ति हुई थी, इसलिए ये 'स्वयंभू' कहलाते हैं। सभी [[देवता]] ब्रह्माजी के पौत्र माने गये हैं, अत: वे पितामह के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। यूँ तो ब्रह्मा देवता, दानव तथा सभी जीवों के पितामह हैं, फिर भी वे विशेष रूप से [[धर्म]] के पक्षपाती हैं। इसलिये जब देवासुर संग्राम में पराजित होकर देवता ब्रह्मा के पास जाते हैं, तब वे धर्म की स्थापना के लिये विष्णु को [[अवतार]] लेने के लिये प्रेरित करते हैं। अत: भगवान विष्णु के प्राय: चौबीस अवतारों में ये ही निमित्त बनते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्रह्मा]]
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||[[चित्र:God-Brahma.jpg|right|100px|ब्रह्मा]]सर्वश्रेष्ठ पौराणिक त्रिदेवों में [[ब्रह्मा]], [[विष्णु]] एवं [[शिव]] की गणना होती है। इनमें 'ब्रह्मा' का नाम पहले आता है, क्योंकि वे विश्व के आद्य स्रष्टा, प्रजापति, पितामह तथा हिरण्यगर्भ हैं। [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार [[क्षीरसागर]] में शेषशायी [[विष्णु]] के नाभिकमल से ब्रह्मा की स्वयं उत्पत्ति हुई थी, इसलिए ये 'स्वयंभू' कहलाते हैं। सभी [[देवता]] ब्रह्माजी के पौत्र माने गये हैं, अत: वे पितामह के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। यूँ तो ब्रह्मा देवता, दानव तथा सभी जीवों के पितामह हैं, फिर भी वे विशेष रूप से [[धर्म]] के पक्षपाती हैं। इसलिये जब देवासुर संग्राम में पराजित होकर देवता ब्रह्मा के पास जाते हैं, तब वे धर्म की स्थापना के लिये विष्णु को [[अवतार]] लेने के लिये प्रेरित करते हैं। अत: भगवान विष्णु के प्राय: चौबीस अवतारों में ये ही निमित्त बनते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्रह्मा]]
  
 
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1 "रावण मेरे पाँव को तुमने जिस प्रकार पकड़ा है, यदि ऐसे ही श्रीराम के चरण पकड़ते तो तुम्हारा कल्याण हो जाता।" रावण से यह कथन किसने कहा था?

सुग्रीव
हनुमान
नील
अंगद

2 निम्न में से किसे लंका का निर्माणकर्ता माना जाता है?

विश्वकर्मा
कुबेर
कामदेव
वरुण

3 रावण को नर व वानरों के अतिरिक्त किसी से भी अवध्य होने का वरदान किसने दिया था?

शिव
पार्वती
ब्रह्मा
विष्णु

4 हनुमान को कभी भी युद्ध में न थकने का वरदान किससे मिला था?

यम
वरुण
सूर्य
इन्द्र

5 सुमाली नामक राक्षस को अजेयता और चिर जीवन का वरदान किसने दिया था?

इन्द्र
कुबेर
शिव
ब्रह्मा

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