"जनकराज किशोरीशरण" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replacement - " शृंगार " to " श्रृंगार ") |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replacement - "शृंगार" to "श्रृंगार") |
||
पंक्ति 18: | पंक्ति 18: | ||
#दोहावली, | #दोहावली, | ||
#रघुवर करुणाभरण। | #रघुवर करुणाभरण। | ||
− | *इन्होंने [[राम]] [[सीता]] के | + | *इन्होंने [[राम]] [[सीता]] के श्रृंगार, ऋतु विहार आदि के वर्णन में ही [[भाषा]] कविता की है - |
<poem>फूले कुसुम द्रुम विविधा रंग सुगंधा के चहुँ चाब। | <poem>फूले कुसुम द्रुम विविधा रंग सुगंधा के चहुँ चाब। | ||
गुंजत मधुप मधुमत्ता नाना रंग रज अंग फाब | गुंजत मधुप मधुमत्ता नाना रंग रज अंग फाब |
07:57, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
जनकराज किशोरीशरण अयोध्या के एक वैरागी थे और संवत् 1797 में वर्तमान थे। इन्होंने भक्ति, ज्ञान और रामचरित संबंधित बहुत सी कविता की है। कुछ ग्रंथ संस्कृत में भी लिखे हैं। हिन्दी कविता साधारणत: अच्छी है। इनकी पुस्तकों के नाम ये हैं -
- आंदोलनरहस्य दीपिका,
- तुलसीदासचरित्र,
- विवेकसार चंद्रिका,
- सिध्दांत चौंतीसी,
- बारहखड़ी,
- ललित श्रृंगार दीपक,
- कवितावली,
- जानकीशरणाभरण,
- सीताराम सिध्दांतमुक्तावली,
- अनन्यतरंगिणी,
- रामरसतरंगिणी,
- आत्मसंबंधदर्पण,
- होलिकाविनोददीपिका,
- वेदांतसार,
- श्रुतिदीपिका,
- रसदीपिका,
- दोहावली,
- रघुवर करुणाभरण।
फूले कुसुम द्रुम विविधा रंग सुगंधा के चहुँ चाब।
गुंजत मधुप मधुमत्ता नाना रंग रज अंग फाब
सीरो सुगंधा सुमंद बात विनोद कंत बहंत।
परसत अनंग उदोत हिय अभिलाष कामिनिकंत
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
आचार्य, रामचंद्र शुक्ल “प्रकरण 3”, हिन्दी साहित्य का इतिहास (हिन्दी)। भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृष्ठ सं. 244।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख