"प्रयोग:कविता सा.-1" के अवतरणों में अंतर

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-सलीम-दिल्ली दरबार
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-इनमें से कोई नहीं
  
{[[राजा रवि वर्मा]] किस लिए जाने जाते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-7
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{ग्रुप 1890 को यह नाम देने के पीछे क्या कारण था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-147,प्रश्न-70
 
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-वॉश पेंटिंग
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-यह 1890 में स्थापित हुआ।
-टेम्परा पेंटिंग
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-इसके 1890 सदस्य थे।
-जल रंग पेंटिंग
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+यह जिस भवन में स्थापित हुआ उसका नंबर 1890 था।
+तैल रंग पेंटिंग
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-इनमें से कोई नहीं।
||[[राजा रवि वर्मा]] तैल रंग की पेंटिंग के लिए जाने जाते थे। इन्होंने भारतीय जीवन और परंपरा को इस नई [[कला]] के द्वारा प्रतिष्ठा दिलाई। इस प्रकार तैल रंगों का आधुनिक चित्रकला में प्रयोग करने का श्रेय सर्वप्रथम राजा रवि वर्मा को जाता है।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[राजा रवि वर्मा]]
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||25-26 अगस्त, 1692 को जे. स्वामीनाथन के नेतृत्व में दर्जनों कलाकारों के समूह जिनमें अंबादास, जेराम पटेल, ज्योति भट्ट, राघव कनेरिया, बालकृष्ण पटेल, गुलाम मोहम्मद शेख, रेडप्पा नायडू, एस.जी. निकम, राजेश मेहरा, हिम्मत शाह एवं एरिक बोवेन शामिल थे, के द्वारा भावनगर (जिला-बड़्पदा, गुजरात) में ग्रुप 1890 की स्थापना हुई। 1890 जयंत एवं ज्योंति पांड्या के मकान की संख्या थी। उसी मकान में स्थापित होने के कारण इसका नाम ग्रुप 1890 रखा गया। 'ग्रुप 1890' का मैनीफेस्टो जुलाई, 1963 में स्वाकार किया गया।
  
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{गौतम बुद्ध ने 'निर्वाण' कहां प्राप्त किया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-226,प्रश्न-310
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-गया
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+कुशीनगर
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-सारनाथ
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-नालंदा
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||बुद्ध अपने धर्म का प्रचार करते हुए मल्लों की राजधानी पावा पहुंचे। जहां वे चुंद नामक लुहार के यहां ठहरे। वहीं पर उसने सूकरमद्दव खाने को दिया। जिससे उन्हें रक्तातिसार हो गया और भयानक पीड़ा के साथ वे मल्लों की राजधानी कुशीनारा (कुशीनगर) पहुंचे। यहीं पर वह 80 वर्ष की अवस्था में 483 ई.पू. में शरीर त्याग दिया। बौद्ध ग्रंथों में इसे 'महापरिनिर्वाण' कहा जाता है।
  
{सेंट बसील का गिर्जा कहाँ है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-102,प्रश्न-8
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{कौन समकालीन चित्रकार एक फिल्म स्टार के चित्रों की शृंखला बना रहे हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-18
 
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-[[रोम]]
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-एम.एच. रज़ा
+मॉस्को
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-सतीश गुजराल
-कांस्टेन्टीनोपल
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+एम.एफ. हुसैन
-वियना
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-कृष्ण खन्ना
||सेंट बसील का गिर्जा रेड स्क्वायर, मॉस्को ([[रूस]]) में स्थित है।
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||एम.एफ. हुसैन प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के चित्रकार हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फिल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी,थ्रू द आइज ऑफ पेंटर आदि इनकी प्रमुख फिल्में हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध चित्र शृंखलाएं भी बनाई जिसमें प्रमुख हैं- सरस्वती, मदर टेरेसा, घोड़े, माधुरी, जमीन, लैंप और मकड़ी, दो स्त्रियों का संवाद, मुर्गा, अंतिम भोज, राइडर्ज, आपातकाल, ढोलकिया, नीला रात, जापान में प्रेमी, दुपट्टों में तीन औरतें, बनारस के घाट तथा भारतमाता (यह चित्र काफी विवादास्पद रहा) आदि।
  
{यूरोपीय-चित्रकला में नवशास्त्रीयतावाद की प्रकृति को किसने बढ़ावा दिया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-114,प्रश्न-1
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{'बैले रिहर्सल' किस चित्रकार ने चित्रित किया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-119,प्रश्न-28
 
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-विलियम हंट
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-पिसारो
-टर्नर
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-एडवर्ड माने
+डेविड
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-कुर्बे
-फ्रांस हाल्स
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+डेगा
||जैक्स लुईस डेविड (Jacques Louis David, 1748-1825) नव-शास्त्रीयता-वादी (Neoclassical) शैली का अपने युग का श्रेष्ठ कलाकार था।
 
  
{प्रागैतिहासिक चित्रों के विषय क्या हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-6,प्रश्न-8
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{कांगड़ा शैली चित्रों की विषय-वस्तु क्या थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-18
 
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-पशु
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-राम-सीता
-मानव
+
-मीरा-कृष्ण
-पक्षी
+
-शिव-पार्वती
+पशु-मानव-पक्षी
+
+राधा-कृष्ण
||प्रागैतिहासिक काल के चित्रों का विषय आखेट, युद्ध करते हुए तथा विजय के अवसर पर नृत्य करते हुए चित्रण करना ही तत्कालीन मानव का मुख्य रुचिकर विषय रहा है। स्त्री-पुरुष, पशु-पक्षी आदि के चित्र भी आदियुगीन मानव की विषय वस्तु रहे हैं। इस काल में जादू-टोने के रूप में अमूर्त भावना को भी विकसित किया गया।
+
||कांगड़ा शैली के चित्रकारों का प्रिय विषय 'राधा-कृष्ण' के चित्रण था। कांगड़ा शैली के संरक्षक राजा संसारचंद वैष्णव धर्म के अनुयायी और कृष्ण भक्त थे। उनका प्रश्रय पाकर चित्रकारों ने कृष्ण-लीला जैसे विषय को अपनी रुचि के अनुरूप चित्रित किया। कृष्ण से बढ़कर नायक उनकी दृष्टि में नहीं था। यही कारण है कि समस्त पहाड़ी कला-कृतियों में कृष्ण-कृतियों में कृष्ण का चित्रण छाया रहा। कृष्ण संबंधी अनेक कांगड़ा चित्र संसार भर के संग्रहालयों में देखे जा सकते हैं।
  
{[[स्पेन]] की किस गुफ़ा में अंगुलियों से बनाई गई रेखाएँ हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-8
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{लियोनार्दो का जन्म हुआ था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-34
 
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-लास्को
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-1467 ई.
-त्राय फ्रेरर्स
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+1452 ई.
+अल्तामिरा
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-1460 ई.
-ल कम्बारेली
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-1552 ई.
||प्रागैतिहासिक मानव द्वारा अंकित सर्वप्रथम चित्र उत्तरी स्पेन में अल्तामिरा गुफ़ा की गीली दीवारों पर हाथ की अंगुलियों द्वारा बनाई गई फीते के समान टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएँ हैं। यह गुफ़ा सेंतेंदर से 31 किमी. दूर उत्तरी स्पेन में स्थित है। यहाँ की गुफ़ाएँ सर्वोत्कृष्ट शिल्प का उदाहरण हैं। गुफ़ा की छत कहीं-कहीं 6-7 फीट ऊँची है, अत: छत पर अंकित चित्रों को देखने हेतु भूमि पर लेटना ठीक रहता है। यही कारण है कि इन्हें सर्वप्रथम 'मारिया सातुओला' नामक एक पांच वर्षीय बालिका ने देखी थी।
+
||लियोनार्दो द विंसी का जन्म 15 अप्रैल, 1452 को रिपब्लिक ऑफ़ फ्लोरेंस (इटली) के विंसी में विंसी में तथा मृत्यु 2 मई, 1519 को फ्रांस गणराज्य के इम्बोइस में हुआ था।
  
{जयपुरी फ्रेस्को में निहित दीप्त रूप (चमचमाती सतह‌) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प सही है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-3
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{'लास्ट सपर' के निर्माता हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-37
 
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-क्योंकि ये चमकदार पत्थर की सतह पर बनाए जाते हैं।
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+लियोनार्दो द विंसी
-क्योंकि इन पर वार्निश की जाती है।
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-राफेल
+क्योंकि ये हकीक पत्थर से घोटाई करके चमकाए जाते हैं।
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-फ्रांस हाल्स
-क्योंकि ये धूप में चमकते हैं।
+
-गोंगा
||जयपुरी फ्रेस्को में निहित दीप्त रूप के लिए उन्हें हकीक पत्थर से घोटाई करके चमकाया जाता था। हालांकि जयपुरी फ्रेस्को मार्बल तथा चमकदार टाइल्स पर भी बनाए जाते है, जिन्हें घोटाई की जरूरत नहीं होती थी।
+
||'द लास्ट सपर', लियोनार्दो द विंसी द्वारा 15 वीं शताब्दी में चित्रित एक प्रसिद्ध चित्र है। यह ईसा मसीह के शूली पर चढ़ने के पूर्व येरूसलम में उनके प्रेरितों के साथ साझा गया अंतिम भोजन का चित्र है।
  
{किस काल में आंतरिक एवं बाह्य सज्जा एक साथ करने का विचार किया गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-13
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{एडवर्ड माने द्वारा शुरू की गई शैली जिसमें छाया-प्रकाश के स्थान पर रंगों का प्रयोग करके गोलाई एवं स्थूलत्व का एहसास कराया गया, उसे परंपरावादी समीक्षकों ने कहा- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-120,प्रश्न-36
 
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-[[आधुनिक काल]]
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-घनवाद
-रोमनस्क काल
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+प्रभाववाद
-बाइजेन्टाइन काल
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-अतियथार्थवाद
+गोथिक काल
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-फाववाद
||गोथिक काल में आंतरिक एवं बाह्य सज्जा एक साथ करने का विचार किया गया। इस काल के भवन प्राय: लंबे-पतले खंभों और नुकीले मेहराबों से बने होते थे। खंभों पर मूर्तियाँ उत्कीर्ण हैं।
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||प्रभाववाद एवं यथार्थवाद में स्पष्ट अंतर है। यथार्थवाद में विषय का अस्तित्व उद्देश्यपूर्ण होता है जबकि प्रभाववाद में विषय का कार्य सौंदर्यानुभूति को जागृत करना मात्र है। यथार्थवाद में वस्तु के नैसर्गिक वर्ण का विचार करके रंगांकन किया जाता है जबकि प्रभाववाद में प्रकाश एवं वातावरण के प्रभाव के साथ रंगों के नैसर्गिक सौंदर्य की भी विचार था। एडवर्ड माने ने सुंदर रंग योजना व स्पष्ट तूलिका संचालन जैसे गुणों का विकास करके अपने अंतिम वस्तु निरपेक्ष सौंदर्य से परिपूर्ण चित्र बनाए, जो प्रभाववाद की आधुनिक कला की देन है।
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{'कोटा शैली' के उत्कृष्ट भित्ति-चित्र कहाँ देखने को मिलते हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-8
 
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+झाला जी की हवेली
 
-[[बगोर की हवेली उदयपुर|बगोर की हवेली]]
 
-[[सिटी पैलेस जयपुर|सिटी पैलेस]]
 
-माधव निवास
 
||'कोटा शैली' के उत्कृष्ट भित्ति-चित्र' झाला जी की हवेली' में देखने को मिलते हैं। इसके अतिरिक्त कोटा शैली के भित्ति-चित्र 'राजमहल' तथा 'देवता जी' की हवेली में भी देखने को मिलते हैं। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार है- (1) [[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थान शैली]] के लघु चित्र [[काग़ज़]] की मोटी तह (वसली) पर बनाए जाते थे। (2) कोटा शैली के पुष्टि मार्ग कथा प्रसंगों को अधिकांश 'रघुनाथ' तथा गोविंद नामक कलाकारों ने चिन्हित किया।
 
  
 
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12:32, 23 जनवरी 2018 का अवतरण

1 अपभ्रंश शैली के चित्रों का क्या विषय है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-45,प्रश्न-31

जैन
बौद्ध
ब्राह्मण
शृंगार

2 विश्व प्रसिद्ध 'बाज पक्षी' का चित्र निम्न में से किस चित्रकार ने बनाया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-61,प्रश्न-41

उस्ताद बश्मीर
उस्ताद मंसूर
उस्ताद मान खां
उस्ताद सौयद अली

3 निम्न में से चित्र के सदर्भ में कौन-सा सही जोड़ा बना है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-68,प्रश्न-80

अकबर-सलीम का जन्म
शाहजहां-जेबरा
सलीम-दिल्ली दरबार
इनमें से कोई नहीं

4 ग्रुप 1890 को यह नाम देने के पीछे क्या कारण था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-147,प्रश्न-70

यह 1890 में स्थापित हुआ।
इसके 1890 सदस्य थे।
यह जिस भवन में स्थापित हुआ उसका नंबर 1890 था।
इनमें से कोई नहीं।

5 गौतम बुद्ध ने 'निर्वाण' कहां प्राप्त किया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-226,प्रश्न-310

गया
कुशीनगर
सारनाथ
नालंदा

6 कौन समकालीन चित्रकार एक फिल्म स्टार के चित्रों की शृंखला बना रहे हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-18

एम.एच. रज़ा
सतीश गुजराल
एम.एफ. हुसैन
कृष्ण खन्ना

7 'बैले रिहर्सल' किस चित्रकार ने चित्रित किया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-119,प्रश्न-28

पिसारो
एडवर्ड माने
कुर्बे
डेगा

8 कांगड़ा शैली चित्रों की विषय-वस्तु क्या थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-18

राम-सीता
मीरा-कृष्ण
शिव-पार्वती
राधा-कृष्ण

9 लियोनार्दो का जन्म हुआ था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-34

1467 ई.
1452 ई.
1460 ई.
1552 ई.

10 'लास्ट सपर' के निर्माता हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-37

लियोनार्दो द विंसी
राफेल
फ्रांस हाल्स
गोंगा

11 एडवर्ड माने द्वारा शुरू की गई शैली जिसमें छाया-प्रकाश के स्थान पर रंगों का प्रयोग करके गोलाई एवं स्थूलत्व का एहसास कराया गया, उसे परंपरावादी समीक्षकों ने कहा- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-120,प्रश्न-36

घनवाद
प्रभाववाद
अतियथार्थवाद
फाववाद