"संकल" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''संकल''' पाणिनिकालीन एक स्थान था। यह आधुनिक सांगलाव...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''संकल''' पाणिनिकालीन एक स्थान था। यह आधुनिक सांगलावाला टीबा (ज़िला झंग) है। यहा [[कठ]] [[क्षत्रिय|क्षत्रियों]] का केंद्र था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पाणिनीकालीन भारत|लेखक=वासुदेवशरण अग्रवाल|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=85|url=}}</ref>
+
'''संकल''' पाणिनिकालीन एक स्थान था। यह आधुनिक सांगलावाला टीबा (ज़िला झंग) है। यहाँ [[कठ]] [[क्षत्रिय|क्षत्रियों]] का केंद्र था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पाणिनीकालीन भारत|लेखक=वासुदेवशरण अग्रवाल|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=85|url=}}</ref>
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

12:09, 7 अप्रैल 2018 का अवतरण

संकल पाणिनिकालीन एक स्थान था। यह आधुनिक सांगलावाला टीबा (ज़िला झंग) है। यहाँ कठ क्षत्रियों का केंद्र था।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 85 |

संबंधित लेख