"यमुनाबाई वाईकर" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''यमुनाबाई वाईकर''' (अंग्रेज़ी: ''Yamunabai Waikar'', जन्म- 31 दिसम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
|||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | '''यमुनाबाई वाईकर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Yamunabai Waikar'', जन्म- [[31 दिसम्बर]], [[1915]]<ref name="pp">{{cite web |url=https://timesofindia.indiatimes.com/city/kolhapur/queen-of-lavani-yamunabai-waikar-passes-away-at-102/articleshow/64181297.cms |title=Queen of Lavani Yamunabai Waikar passes away at 102|accessmonthday=14 अक्टूबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=timesofindia.indiatimes.com |language=हिंदी}}</ref> [[भारत]] की प्रसिद्ध लोक कलाकार थीं। उन्हें 'लावणी की क्वीन' कहा जाता था। [[लावणी]] और तमाशा की मराठी लोक परम्पराओं में अपनी विशेषज्ञता के लिए यमुनाबाई वाईकर जानी जाती थीं। साल [[2012]] में उन्हें [[भारत सरकार]] द्वारा [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया था।<br /> | + | {{सूचना बक्सा कलाकार |
+ | |चित्र=Yamunabai-Waikar.jpg | ||
+ | |चित्र का नाम=यमुनाबाई वाईकर | ||
+ | |पूरा नाम=यमुनाबाई वाईकर | ||
+ | |प्रसिद्ध नाम= | ||
+ | |अन्य नाम= | ||
+ | |जन्म=[[31 दिसम्बर]], [[1915]] | ||
+ | |जन्म भूमि=नुनकेलाम गाँव, [[सतारा]], [[महाराष्ट्र]] | ||
+ | |मृत्यु= | ||
+ | |मृत्यु स्थान= | ||
+ | |अभिभावक= | ||
+ | |पति/पत्नी= | ||
+ | |संतान= | ||
+ | |कर्म भूमि=[[भारत]] | ||
+ | |कर्म-क्षेत्र=गायन | ||
+ | |मुख्य रचनाएँ= | ||
+ | |मुख्य फ़िल्में= | ||
+ | |विषय= | ||
+ | |शिक्षा= | ||
+ | |विद्यालय= | ||
+ | |पुरस्कार-उपाधि=महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार, [[1977]]<br /> | ||
+ | लावणी सम्राज्ञी खिताब, [[1990]]<br /> | ||
+ | [[संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]], [[1994]]<br /> | ||
+ | [[पद्म श्री]], [[2012]] | ||
+ | |प्रसिद्धि=[[लावणी]] गायिका | ||
+ | |विशेष योगदान= | ||
+ | |नागरिकता=भारतीय | ||
+ | |संबंधित लेख= | ||
+ | |शीर्षक 1= | ||
+ | |पाठ 1= | ||
+ | |शीर्षक 2= | ||
+ | |पाठ 2= | ||
+ | |अन्य जानकारी=10 साल की उम्र में यमुनाबाई वाईकर एक लोक कला समूह में शामिल हो गई थीं, जहाँ से उन्हें लावणी का पहला पाठ मिला। | ||
+ | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
+ | |अद्यतन= | ||
+ | }}'''यमुनाबाई वाईकर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Yamunabai Waikar'', जन्म- [[31 दिसम्बर]], [[1915]]<ref name="pp">{{cite web |url=https://timesofindia.indiatimes.com/city/kolhapur/queen-of-lavani-yamunabai-waikar-passes-away-at-102/articleshow/64181297.cms |title=Queen of Lavani Yamunabai Waikar passes away at 102|accessmonthday=14 अक्टूबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=timesofindia.indiatimes.com |language=हिंदी}}</ref> [[भारत]] की प्रसिद्ध लोक कलाकार थीं। उन्हें 'लावणी की क्वीन' कहा जाता था। [[लावणी]] और तमाशा की मराठी लोक परम्पराओं में अपनी विशेषज्ञता के लिए यमुनाबाई वाईकर जानी जाती थीं। साल [[2012]] में उन्हें [[भारत सरकार]] द्वारा [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया था।<br /> | ||
<br /> | <br /> | ||
*यमुनाबाई वाईकर का जन्म [[महाराष्ट्र]] के [[सतारा]] में [[महाबलेश्वर]] के पास नुनकेलाम गाँव के एक कोल्हाटी [[परिवार]] में हुआ था। | *यमुनाबाई वाईकर का जन्म [[महाराष्ट्र]] के [[सतारा]] में [[महाबलेश्वर]] के पास नुनकेलाम गाँव के एक कोल्हाटी [[परिवार]] में हुआ था। | ||
पंक्ति 7: | पंक्ति 42: | ||
*अपने स्ट्रीट शो की सफलता से उत्साहित होकर उन्होंने एक स्टेज शो किया, जिसने [[1975]] तक अपने मंचीय कैरियर की शुरुआत की। | *अपने स्ट्रीट शो की सफलता से उत्साहित होकर उन्होंने एक स्टेज शो किया, जिसने [[1975]] तक अपने मंचीय कैरियर की शुरुआत की। | ||
*यमुनाबाई वाईकर ने प्रसिद्ध [[कत्थक]] गुरु [[बिरजू महाराज]] के साथ मंच साझा किया। कहा जाता है कि उन्होंने 1975 में उनके प्रदर्शन की सराहना की थी, जिसका मंचन [[दिल्ली]] में किया गया था। इस प्रदर्शन ने उनके कॅरियर को एक बार फिर से जीवित करने में मदद की और उन्हें देश के अन्य हिस्सों जैसे [[कोलकाता]], [[भोपाल]], [[रायपुर]] में भी प्रदर्शन करने का अवसर मिला। | *यमुनाबाई वाईकर ने प्रसिद्ध [[कत्थक]] गुरु [[बिरजू महाराज]] के साथ मंच साझा किया। कहा जाता है कि उन्होंने 1975 में उनके प्रदर्शन की सराहना की थी, जिसका मंचन [[दिल्ली]] में किया गया था। इस प्रदर्शन ने उनके कॅरियर को एक बार फिर से जीवित करने में मदद की और उन्हें देश के अन्य हिस्सों जैसे [[कोलकाता]], [[भोपाल]], [[रायपुर]] में भी प्रदर्शन करने का अवसर मिला। | ||
+ | *यमुनाबाई वाईकर को निम्न पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए थे<ref name="pp"/>- | ||
+ | #महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार, [[1977]] | ||
+ | #लावणी सम्राज्ञी खिताब, [[1990]] | ||
+ | #[[संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]], [[1994]] | ||
+ | #[[पद्म श्री]], [[2012]] | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
− | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
− | {{पद्मश्री}} | + | {{भारतीय नृत्यांगना}}{{पद्मश्री}} |
[[Category:नृत्यांगना]][[Category:लोक कलाकार]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:पद्म श्री]][[Category:पद्म श्री (2012)]] | [[Category:नृत्यांगना]][[Category:लोक कलाकार]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:पद्म श्री]][[Category:पद्म श्री (2012)]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
08:38, 14 अक्टूबर 2021 के समय का अवतरण
यमुनाबाई वाईकर
| |
पूरा नाम | यमुनाबाई वाईकर |
जन्म | 31 दिसम्बर, 1915 |
जन्म भूमि | नुनकेलाम गाँव, सतारा, महाराष्ट्र |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | गायन |
पुरस्कार-उपाधि | महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार, 1977 लावणी सम्राज्ञी खिताब, 1990 |
प्रसिद्धि | लावणी गायिका |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | 10 साल की उम्र में यमुनाबाई वाईकर एक लोक कला समूह में शामिल हो गई थीं, जहाँ से उन्हें लावणी का पहला पाठ मिला। |
यमुनाबाई वाईकर (अंग्रेज़ी: Yamunabai Waikar, जन्म- 31 दिसम्बर, 1915[1] भारत की प्रसिद्ध लोक कलाकार थीं। उन्हें 'लावणी की क्वीन' कहा जाता था। लावणी और तमाशा की मराठी लोक परम्पराओं में अपनी विशेषज्ञता के लिए यमुनाबाई वाईकर जानी जाती थीं। साल 2012 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
- यमुनाबाई वाईकर का जन्म महाराष्ट्र के सतारा में महाबलेश्वर के पास नुनकेलाम गाँव के एक कोल्हाटी परिवार में हुआ था।
- इनके पिता को नशे की आदत थी और वह घर छोड़कर चले गये थे। इसी कारण वह अपनी माँ के साथ सड़क पर नृत्य करती थीं।
- 10 साल की उम्र में यमुनाबाई वाईकर एक लोक कला समूह में शामिल हो गईं जहाँ से उन्हें लावणी का पहला पाठ मिला। बाद में, जब उनके पिता ने उनका साथ दिया तो परिवार ने अपने पिता के साथ ढोलकी बजाते हुए तमाशा मंडली बनाई, जहाँ यमुनाबाई वाईकर और उनके चचेरे भाई ने नृत्य किया।
- बेहतर कमाई की तलाश में यह परिवार मुंबई चला गया और यमुनाबाई ने मुंबई की सड़कों पर लावणी और फिल्मी गीत प्रस्तुत करना शुरू कर दिया।
- अपने स्ट्रीट शो की सफलता से उत्साहित होकर उन्होंने एक स्टेज शो किया, जिसने 1975 तक अपने मंचीय कैरियर की शुरुआत की।
- यमुनाबाई वाईकर ने प्रसिद्ध कत्थक गुरु बिरजू महाराज के साथ मंच साझा किया। कहा जाता है कि उन्होंने 1975 में उनके प्रदर्शन की सराहना की थी, जिसका मंचन दिल्ली में किया गया था। इस प्रदर्शन ने उनके कॅरियर को एक बार फिर से जीवित करने में मदद की और उन्हें देश के अन्य हिस्सों जैसे कोलकाता, भोपाल, रायपुर में भी प्रदर्शन करने का अवसर मिला।
- यमुनाबाई वाईकर को निम्न पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए थे[1]-
- महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार, 1977
- लावणी सम्राज्ञी खिताब, 1990
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1994
- पद्म श्री, 2012
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 Queen of Lavani Yamunabai Waikar passes away at 102 (हिंदी) timesofindia.indiatimes.com। अभिगमन तिथि: 14 अक्टूबर, 2021।