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'''मदनलाल वर्मा 'क्रान्त' ''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Madanlal Verma 'Krant' '', जन्म- [[20 दिसम्बर]], [[1947]]) मूलत: [[हिन्दी]] के [[कवि]] तथा लेखक हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने [[उर्दू]], [[संस्कृत]] तथा [[अंग्रेज़ी]] में भी कविताएँ लिखी हैं। क्रान्तिकारी [[रामप्रसाद बिस्मिल]] के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाशित "सरफरोशी की तमन्ना" उनकी उल्लेखनीय पुस्तक है। "क्रान्तिकारी हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना" विषय पर अतिविशिष्ट अनुसन्धान के लिये उन्हें [[भारत सरकार]] ने वर्ष [[2004]] में [[हिन्दी साहित्य]] की "सीनियर फैलोशिप" प्रदान की थी।
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}}'''मदनलाल वर्मा 'क्रान्त' ''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Madanlal Verma 'Krant' '', जन्म- [[20 दिसम्बर]], [[1947]]) मूलत: [[हिन्दी]] के [[कवि]] तथा लेखक हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने [[उर्दू]], [[संस्कृत]] तथा [[अंग्रेज़ी]] में भी कविताएँ लिखी हैं। क्रान्तिकारी [[रामप्रसाद बिस्मिल]] के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाशित "सरफरोशी की तमन्ना" उनकी उल्लेखनीय पुस्तक है। "क्रान्तिकारी हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना" विषय पर अतिविशिष्ट अनुसन्धान के लिये उन्हें [[भारत सरकार]] ने वर्ष [[2004]] में [[हिन्दी साहित्य]] की "सीनियर फैलोशिप" प्रदान की थी।
 
==जन्म तथा शिक्षा==
 
==जन्म तथा शिक्षा==
 
मदनलाल वर्मा का जन्म 20 दिसम्बर, 1947 को [[उत्तर प्रदेश]] के शाहजहाँपुर जिले के तिलोकपुर ग्राम में हुआ। उनके [[माता]]-[[पिता]] रामदुलारी और रामलाल निरक्षर होने के बावजूद कर्तव्यनिष्ठ और धर्मपरायण थे। उनके पिता रामप्रसाद बिस्मिल के मित्र थे। उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा तिलोकपुर गाँव से, आठवीं जूनियर हाई स्कूल काँट शाहजहाँपुर से, दसवीं राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शाहजहाँपुर से तथा बारहवीं आर.वी.एम. कालेज तिलहर से आद्योपान्त प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। जब वे बरेली कालेज, [[बरेली]] में बी.एससी. अन्तिम वर्ष के छात्र थे, तभी कैम्फर एण्ड एलाइड प्रोडक्ट्स लिमिटेड में कैमिस्ट के पद पर उनका चयन हो गया। बाद में उन्होंने इस पद से त्यागपत्र दे दिया और बैंकिंग सर्विस कमीशन की परीक्षा दी जहां उनका चयन हो गया। बैंक में नौकरी के दौरान रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय से एम.ए. हिन्दी साहित्य से किया।<ref name="pp">{{cite web |url= https://amp.in.google-info.org/index.php/463542/1/%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A4%A8%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B2-%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A4.html|title=मदनलाल वर्मा 'क्रान्त|accessmonthday=08 नवंबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=amp.in |language=हिंदी}}</ref>
 
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मदनलाल वर्मा ने पहली पुस्तक [[लालबहादुर शास्त्री]] के जीवन पर 'ललिता के आँसू' लिखी जिसका विमोचन तत्कालीन विधि, न्याय एवं कम्पनी कार्य मन्त्री शान्ति भूषण ने शास्त्रीजी की समाधि विजय घाट पर [[11 जनवरी]], [[1978]] को किया। परम्परागत लीक से हटकर लिखे गए इस मौलिक प्रबन्ध काव्य को विश्व के एक सौ सर्वश्रेष्ठ काव्यों में 86वाँ स्थान दिया गया। उन्होंने सन् [[1983]] में [[नई दिल्ली]] के इन्दिरा गान्धी स्टेडियम में आयोजित [[तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन]] तथा सन् [[1984]] में विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित "साहित्यानुवाद पर प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन" में भारतीय प्रतिनिधि की हैसियत से भाग लिया। इस संगोष्ठी में उन्होंने "कलम और पिस्तौल के पुरोधा-पं. रामप्रसाद बिस्मिल" शीर्षक से एक शोधपत्र प्रस्तुत किया।  
 
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==प्रकाशित कृतियाँ==
 
==प्रकाशित कृतियाँ==
 
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मदनलाल वर्मा की प्रकाशित कृतियाँ निम्नलिखित हैं<ref name="pp"/>-

11:53, 8 नवम्बर 2021 का अवतरण

मदनलाल वर्मा 'क्रान्त'
मदनलाल वर्मा 'क्रान्त'
पूरा नाम मदनलाल वर्मा 'क्रान्त'
अन्य नाम क्रान्त (उपनाम)
जन्म 20 दिसम्बर, 1947
जन्म भूमि तिलोकपुर ग्राम, ज़िला शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश
अभिभावक माता- रामदुलारी

पिता- रामलाल

पति/पत्नी किरन वर्मा
संतान पुत्री- अल्पना आदित्य

पुत्र- स्वदेश गौरव

कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र हिन्दी साहित्य, इतिहास व राजनीति
पुरस्कार-उपाधि भवानी प्रसाद मिश्र सम्मान

जनपद रत्न शाहजहाँपुर

प्रसिद्धि कवि व साहित्यकार
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी मदनलाल वर्मा ने पहली पुस्तक लालबहादुर शास्त्री के जीवन पर 'ललिता के आँसू' लिखी, जिसका विमोचन तत्कालीन विधि, न्याय एवं कम्पनी कार्य मन्त्री शान्ति भूषण ने शास्त्रीजी की समाधि पर 11 जनवरी, 1978 को किया था।
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इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

मदनलाल वर्मा 'क्रान्त' (अंग्रेज़ी: Madanlal Verma 'Krant' , जन्म- 20 दिसम्बर, 1947) मूलत: हिन्दी के कवि तथा लेखक हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने उर्दू, संस्कृत तथा अंग्रेज़ी में भी कविताएँ लिखी हैं। क्रान्तिकारी रामप्रसाद बिस्मिल के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाशित "सरफरोशी की तमन्ना" उनकी उल्लेखनीय पुस्तक है। "क्रान्तिकारी हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना" विषय पर अतिविशिष्ट अनुसन्धान के लिये उन्हें भारत सरकार ने वर्ष 2004 में हिन्दी साहित्य की "सीनियर फैलोशिप" प्रदान की थी।

जन्म तथा शिक्षा

मदनलाल वर्मा का जन्म 20 दिसम्बर, 1947 को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जिले के तिलोकपुर ग्राम में हुआ। उनके माता-पिता रामदुलारी और रामलाल निरक्षर होने के बावजूद कर्तव्यनिष्ठ और धर्मपरायण थे। उनके पिता रामप्रसाद बिस्मिल के मित्र थे। उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा तिलोकपुर गाँव से, आठवीं जूनियर हाई स्कूल काँट शाहजहाँपुर से, दसवीं राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शाहजहाँपुर से तथा बारहवीं आर.वी.एम. कालेज तिलहर से आद्योपान्त प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। जब वे बरेली कालेज, बरेली में बी.एससी. अन्तिम वर्ष के छात्र थे, तभी कैम्फर एण्ड एलाइड प्रोडक्ट्स लिमिटेड में कैमिस्ट के पद पर उनका चयन हो गया। बाद में उन्होंने इस पद से त्यागपत्र दे दिया और बैंकिंग सर्विस कमीशन की परीक्षा दी जहां उनका चयन हो गया। बैंक में नौकरी के दौरान रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय से एम.ए. हिन्दी साहित्य से किया।[1]

साहित्यिक जीवन

मदनलाल वर्मा ने पहली पुस्तक लालबहादुर शास्त्री के जीवन पर 'ललिता के आँसू' लिखी जिसका विमोचन तत्कालीन विधि, न्याय एवं कम्पनी कार्य मन्त्री शान्ति भूषण ने शास्त्रीजी की समाधि विजय घाट पर 11 जनवरी, 1978 को किया। परम्परागत लीक से हटकर लिखे गए इस मौलिक प्रबन्ध काव्य को विश्व के एक सौ सर्वश्रेष्ठ काव्यों में 86वाँ स्थान दिया गया। उन्होंने सन् 1983 में नई दिल्ली के इन्दिरा गान्धी स्टेडियम में आयोजित तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन तथा सन् 1984 में विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित "साहित्यानुवाद पर प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन" में भारतीय प्रतिनिधि की हैसियत से भाग लिया। इस संगोष्ठी में उन्होंने "कलम और पिस्तौल के पुरोधा-पं. रामप्रसाद बिस्मिल" शीर्षक से एक शोधपत्र प्रस्तुत किया।

सन् 1985 में गोरखपुर से शुरू हुई उनकी यह शोध-यात्रा पूरे ग्यारह साल बाद 1996 में सम्पन्न हुई। लगभग 800 पृष्ठों का शोधग्रन्थ नई दिल्ली के एक प्रकाशक ने 4 खण्डों में छापा और इसका विधिवत विमोचन किया भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने। उस समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया और विश्लेषक वेद प्रताप वैदिक सहित कई वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित थे। 1965-1970 के मध्य लिखी गए उनके गीतों की पहली कृति "वेदना के दीप" को हिन्दी अकादमी, दिल्ली से आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ और यह कृति इन्द्रप्रस्थ साहित्य भारती द्वारा भवानीप्रसाद मिश्र सम्मान से अलंकृत भी हुई।

प्रकाशित कृतियाँ

मदनलाल वर्मा की प्रकाशित कृतियाँ निम्नलिखित हैं[1]-

  1. स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास ३ भागों में समालोचना व सन्दर्भ सहित
  2. एक मुट्ठी रोशनी नवगीत संग्रह
  3. ललिता के आँसू प्रबन्ध काव्य
  4. क्रान्तिकारी बिस्मिल और उनकी शायरी उर्दू गजलें हिन्दी काव्यानुवाद सहित
  5. अर्चना हस्तलिखित बाल संस्कार रचनावली
  6. सरफरोशी की तमन्ना शोध ग्रन्थावली
  7. धूप के आइने गजल संग्रह
  8. वेदना के दीप गीत संग्रह

सम्पादित कृतियाँ

  1. प्रगतिका, उत्तर प्रदेश समाज नोएडा
  2. संकल्पिका, राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति मुरादाबाद
  3. वनास मंजूषा, वरिष्ठ नागरिक समाज ग्रेटर नोएडा
  4. साहित्य संचेतना, अखिल भारतीय साहित्य परिषद नोएडा
  5. संस्कृति, श्रीगौरीशंकर मन्दिर ट्रस्ट ग्रेटर नोएडा

शोध एवं सम्पादन

  1. क्रान्ति गीतांजलि, काकोरी शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की जब्तशुदा कृति
  2. बोलशेविकों की करतूत, रामप्रसाद बिस्मिल का उपन्यास
  3. मन की लहर, रामप्रसाद बिस्मिल की पुस्तक


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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 मदनलाल वर्मा 'क्रान्त (हिंदी) amp.in। अभिगमन तिथि: 08 नवंबर, 2021।

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