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अली आदिलशाह प्रथम [[बीजापुर]] के [[आदिलशाही वंश]] के पाँचवें सुल्तान (1557-1580 ई.) थे। उसने शिया मज़हब स्वीकार किया था और सुन्नियों के प्रति असहिष्णु हो गया था। 1558 ई. में उसने [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] के हिन्दू राज्य से समझौता करके [[अहमदनगर]] पर चढ़ाई की। इन दोनों राज्यों की सम्मिलित सेना ने अहमदनगर को तबाह कर दिया। अहमदनगर के मुसलमानों पर हिन्दुओं ने ज्यादतियाँ कीं उनके कारण शीघ्र ही सुल्तान अली आदिलशाह प्रथम और विजयनगर के राम राजा के सम्बन्ध बिगड़ गये। अंत में बीजापुर, अहमदनगर, [[बीदर]] और [[गोलकुण्डा]] के चारों मुसलमान सुल्तानों ने मिलकर विजयनगर को [[तालीकोट का युद्ध|तालीकोट के युद्ध]] (1565 ई.) में हरा दिया। विजेता अली आदिलशाह विजयनगर को लूटने और सदा के लिए नष्ट करने में शामिल हो गया। इसके बाद सुल्तान अली आदिलशाह प्रथम ने 1570 ई. में अहमदनगर से समझौता करके भारत के पश्चिमी समुद्र तट से पुर्तग़ालियायें को निकाल बाहर करने के प्रयास में एक बड़ी सेना लेकर [[गोवा]] को घेर लिया, लेकिन पुर्तग़ालियों ने हमला विफल कर दिया। अली आदिलशाह की शादी अहमदनगर की शहजादी [[चाँदबीबी]] से हुई थी, जिसने [[अकबर]] के आक्रमण के समय अहमदनगर की रक्षा करने में बड़ी वीरता दिखाई। वह अपने पति कि मृत्यु के बाद अहमदनगर में आकर रहने लगी थी।  
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अली आदिलशाह प्रथम [[बीजापुर]] के [[आदिलशाही वंश]] के पाँचवें सुल्तान (1557-1580 ई.) थे। उसने शिया मज़हब स्वीकार किया था और सुन्नियों के प्रति असहिष्णु हो गया था। 1558 ई. में उसने [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] के हिन्दू राज्य से समझौता करके [[अहमदनगर]] पर चढ़ाई की। इन दोनों राज्यों की सम्मिलित सेना ने अहमदनगर को तबाह कर दिया। अहमदनगर के मुसलमानों पर हिन्दुओं ने ज्यादतियाँ कीं उनके कारण शीघ्र ही सुल्तान अली आदिलशाह प्रथम और विजयनगर के राम राजा के सम्बन्ध बिगड़ गये। अंत में बीजापुर, अहमदनगर, [[बीदर]] और [[गोलकुण्डा]] के चारों मुसलमान सुल्तानों ने मिलकर विजयनगर को [[तालीकोट का युद्ध|तालीकोट के युद्ध]] (1565 ई.) में हरा दिया। विजेता अली आदिलशाह विजयनगर को लूटने और सदा के लिए नष्ट करने में शामिल हो गया। इसके बाद सुल्तान अली आदिलशाह प्रथम ने 1570 ई. में अहमदनगर से समझौता करके [[भारत]] के पश्चिमी समुद्र तट से पुर्तग़ालियायें को निकाल बाहर करने के प्रयास में एक बड़ी सेना लेकर [[गोवा]] को घेर लिया, लेकिन पुर्तग़ालियों ने हमला विफल कर दिया। अली आदिलशाह की शादी अहमदनगर की शहजादी [[चाँदबीबी]] से हुई थी, जिसने [[अकबर]] के आक्रमण के समय अहमदनगर की रक्षा करने में बड़ी वीरता दिखाई। वह अपने पति कि मृत्यु के बाद अहमदनगर में आकर रहने लगी थी।  
 
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09:36, 20 सितम्बर 2010 का अवतरण

अली आदिलशाह प्रथम बीजापुर के आदिलशाही वंश के पाँचवें सुल्तान (1557-1580 ई.) थे। उसने शिया मज़हब स्वीकार किया था और सुन्नियों के प्रति असहिष्णु हो गया था। 1558 ई. में उसने विजयनगर के हिन्दू राज्य से समझौता करके अहमदनगर पर चढ़ाई की। इन दोनों राज्यों की सम्मिलित सेना ने अहमदनगर को तबाह कर दिया। अहमदनगर के मुसलमानों पर हिन्दुओं ने ज्यादतियाँ कीं उनके कारण शीघ्र ही सुल्तान अली आदिलशाह प्रथम और विजयनगर के राम राजा के सम्बन्ध बिगड़ गये। अंत में बीजापुर, अहमदनगर, बीदर और गोलकुण्डा के चारों मुसलमान सुल्तानों ने मिलकर विजयनगर को तालीकोट के युद्ध (1565 ई.) में हरा दिया। विजेता अली आदिलशाह विजयनगर को लूटने और सदा के लिए नष्ट करने में शामिल हो गया। इसके बाद सुल्तान अली आदिलशाह प्रथम ने 1570 ई. में अहमदनगर से समझौता करके भारत के पश्चिमी समुद्र तट से पुर्तग़ालियायें को निकाल बाहर करने के प्रयास में एक बड़ी सेना लेकर गोवा को घेर लिया, लेकिन पुर्तग़ालियों ने हमला विफल कर दिया। अली आदिलशाह की शादी अहमदनगर की शहजादी चाँदबीबी से हुई थी, जिसने अकबर के आक्रमण के समय अहमदनगर की रक्षा करने में बड़ी वीरता दिखाई। वह अपने पति कि मृत्यु के बाद अहमदनगर में आकर रहने लगी थी।