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मनमोहन सिंह देश के 17वें और मौज़ूदा प्रधानमंत्री हैं। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाले पहले सिख हैं। जब कांग्रेस और उसके सहयोगियों को [[2004]] के चुनाव के बाद बहुमत मिला तो मनमोहन सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष [[सोनिया गाँधी]] की इच्छा के मुताबिक प्रधानमंत्री चुना गया था।
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मनमोहन सिंह भारत के 17वें और वर्तमान प्रधानमंत्री हैं। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाले पहले सिख हैं। मनमोहन सिंह की अपने कुशल और ईमानदार छवि की वजह से सभी राजनैतिक दलों में अच्छी साख है। जब कांग्रेस और उसके सहयोगियों को [[2004]] के चुनाव के बाद बहुमत मिला तो मनमोहन सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष [[सोनिया गाँधी]] की इच्छा के मुताबिक प्रधानमंत्री चुना गया था।
 
==जीवन परिचय==
 
==जीवन परिचय==
[[भारत]] के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म [[पाकिस्तान]] में [[26 सितंबर]] सन [[1932]] ई. को [[गाह]] नामक गाँव में हुआ था। गाह अब पाकिस्तान के [[पंजाब]] सूबे में स्थित है। मनमोहन सिंह एक कुशल राजनेता के साथ-साथ एक अच्छे विद्वान, अर्थशास्त्री और विचारक भी हैं। मनमोहन सिंह की पत्नी का नाम गुरशरन कौर है। मनमोहन सिंह की तीन बेटियाँ हैं। मनमोहन सिंह में चतुर एवं बुद्धिमानी के गुण हैं। मनमोहन सिंह ने अपनी बुद्धिमानी से कई उच्च पद की गरिमा को बनाए रखा है।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/religion/astrology/sitaron_ke_sitarey/0904/23/1090423026_1.htm |title=मनमोहन सिंह: पुन: पद पाना मुश्किल |accessmonthday=[[22 सितंबर]] |accessyear=[[2010]] |authorlink= |format= |publisher=वेबदुनिया |language=हिन्दी }}</ref>
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मनमोहन सिंह लोकसभा चुनाव [[2009]] में मिली जीत के बाद [[जवाहरलाल नेहरू]] के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं जिनको सफलता पूर्वक पाँच वर्षों का कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार प्रधानमंत्री बनने का दूसरी बार अवसर मिला है। [[21 जून]] 1991 से 16 मई 1996 तक मनमोहन सिंह ने [[नरसिंह राव]] के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया है। मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में भारत में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की। मनमोहन सिंह 28 फरवरी को सउदी अरब की यात्रा पर गए। 1982 के बाद सउदी अरब की यात्रा करने वाले मनमोहन सिंह पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं।
 
==शिक्षा==
 
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मनमोहन सिंह ने सन [[1952]] ई. में पंजाब यूनिवर्सिटी, [[चंडीगढ़]] से बीए (ऑनर्स) किया और अव्वल रहे थे। सन [[1954]] में मनमोहन सिंह ने इसी यूनिवर्सिटी से एमए (ईकनॉमिक्स) किया और फिर अव्वल रहे। मनमोहन सिंह को सन [[1955]] और [[1957]] में कैंब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राइट्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मनमोहन सिंह ने नफील्ड कॉलेज (ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी) से डि.फिल. पास किया।
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मनमोहन सिंह ने सन [[1952]] ई. में पंजाब विश्वविद्यालय, [[चंडीगढ़]] से बीए (ऑनर्स) किया और अव्वल रहे थे। सन [[1954]] में मनमोहन सिंह ने इसी यूनिवर्सिटी से एमए (इकॉनॉमिक्स) किया और फिर अव्वल रहे। मनमोहन सिंह को सन [[1955]] और [[1957]] में कैंब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राइट्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मनमोहन सिंह ने नफील्ड कॉलेज (ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय) से डि.फिल. पास किया। उनकी पुस्तक इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ भारत के अन्तर्मुखी व्यापार नीति की पहली और सटीक आलोचना मानी जाती है।
 
==पद==
 
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मनमोहन सिंह पहले पंजाब यूनिवर्सिटी और बाद में [[दिल्ली]] स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स में प्रोफेसर के तौर पर की थी। [[1971]] में मनमोहन सिंह भारत सरकार की कॉमर्स मिनिस्ट्री में आर्थिक सलाहकार के तौर पर शामिल हुए थे। [[1972]] में मनमोहन सिंह वित्त मंत्रालय में चीफ इकॉनॉमिक अडवाइज़र बन गए। अन्य जिन पदों पर वह रहे, वे हैं – वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष। मनमोहन सिंह [[1991]] से राज्यसभा के सदस्य हैं। [[1998]] से [[2004]] में वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे।<ref>{{cite web |url=http://yourvoice2009.navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/4280918.cms |title=
 
मनमोहन सिंह पहले पंजाब यूनिवर्सिटी और बाद में [[दिल्ली]] स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स में प्रोफेसर के तौर पर की थी। [[1971]] में मनमोहन सिंह भारत सरकार की कॉमर्स मिनिस्ट्री में आर्थिक सलाहकार के तौर पर शामिल हुए थे। [[1972]] में मनमोहन सिंह वित्त मंत्रालय में चीफ इकॉनॉमिक अडवाइज़र बन गए। अन्य जिन पदों पर वह रहे, वे हैं – वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष। मनमोहन सिंह [[1991]] से राज्यसभा के सदस्य हैं। [[1998]] से [[2004]] में वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे।<ref>{{cite web |url=http://yourvoice2009.navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/4280918.cms |title=
 
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==पुरस्कार==
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डा. मनमोहन सिंह को भारत के सार्वजनिक जीवन में बहुत से पुरस्कारों और सम्मानों से नवाज़ा गया है। इनमें प्रमुख पुरस्कार हैं
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* [[1987]] में मनमोहन सिंह को 'पद्म विभूषण' से सम्मानित
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* [[1995]] में इंडियन साइंस कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार,
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* [[1993]] और 1994 का एशिया मनी अवार्ड फॉर फाइनैन्स मिनिस्टर आफ् द इयर
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* [[1994]] का यूरो मनी अवार्ड फॉर द फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ़ द इयर
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* [[1956]] में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय का ऐडम स्मिथ पुरस्कार
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06:17, 22 सितम्बर 2010 का अवतरण

मनमोहन सिंह भारत के 17वें और वर्तमान प्रधानमंत्री हैं। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाले पहले सिख हैं। मनमोहन सिंह की अपने कुशल और ईमानदार छवि की वजह से सभी राजनैतिक दलों में अच्छी साख है। जब कांग्रेस और उसके सहयोगियों को 2004 के चुनाव के बाद बहुमत मिला तो मनमोहन सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी की इच्छा के मुताबिक प्रधानमंत्री चुना गया था।

जीवन परिचय

भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान में 26 सितंबर सन 1932 ई. को गाह नामक गाँव में हुआ था। गाह अब पाकिस्तान के पंजाब सूबे में स्थित है। देश के विभाजन के बाद सिंह का परिवार भारत चला आया। मनमोहन सिंह एक कुशल राजनेता के साथ-साथ एक अच्छे विद्वान, अर्थशास्त्री और विचारक भी हैं। मनमोहन सिंह की पत्नी का नाम गुरशरन कौर है। मनमोहन सिंह की तीन बेटियाँ हैं। मनमोहन सिंह में चतुर एवं बुद्धिमानी के गुण हैं। मनमोहन सिंह ने अपनी बुद्धिमानी से कई उच्च पद की गरिमा को बनाए रखा है।[1]

मनमोहन सिंह लोकसभा चुनाव 2009 में मिली जीत के बाद जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं जिनको सफलता पूर्वक पाँच वर्षों का कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार प्रधानमंत्री बनने का दूसरी बार अवसर मिला है। 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक मनमोहन सिंह ने नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया है। मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में भारत में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की। मनमोहन सिंह 28 फरवरी को सउदी अरब की यात्रा पर गए। 1982 के बाद सउदी अरब की यात्रा करने वाले मनमोहन सिंह पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं।

शिक्षा

मनमोहन सिंह ने सन 1952 ई. में पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से बीए (ऑनर्स) किया और अव्वल रहे थे। सन 1954 में मनमोहन सिंह ने इसी यूनिवर्सिटी से एमए (इकॉनॉमिक्स) किया और फिर अव्वल रहे। मनमोहन सिंह को सन 1955 और 1957 में कैंब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राइट्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मनमोहन सिंह ने नफील्ड कॉलेज (ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय) से डि.फिल. पास किया। उनकी पुस्तक इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ भारत के अन्तर्मुखी व्यापार नीति की पहली और सटीक आलोचना मानी जाती है।

पद

मनमोहन सिंह पहले पंजाब यूनिवर्सिटी और बाद में दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स में प्रोफेसर के तौर पर की थी। 1971 में मनमोहन सिंह भारत सरकार की कॉमर्स मिनिस्ट्री में आर्थिक सलाहकार के तौर पर शामिल हुए थे। 1972 में मनमोहन सिंह वित्त मंत्रालय में चीफ इकॉनॉमिक अडवाइज़र बन गए। अन्य जिन पदों पर वह रहे, वे हैं – वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष। मनमोहन सिंह 1991 से राज्यसभा के सदस्य हैं। 1998 से 2004 में वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे।[2]

पुरस्कार

डा. मनमोहन सिंह को भारत के सार्वजनिक जीवन में बहुत से पुरस्कारों और सम्मानों से नवाज़ा गया है। इनमें प्रमुख पुरस्कार हैं

  • 1987 में मनमोहन सिंह को 'पद्म विभूषण' से सम्मानित
  • 1995 में इंडियन साइंस कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार,
  • 1993 और 1994 का एशिया मनी अवार्ड फॉर फाइनैन्स मिनिस्टर आफ् द इयर
  • 1994 का यूरो मनी अवार्ड फॉर द फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ़ द इयर
  • 1956 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय का ऐडम स्मिथ पुरस्कार


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मनमोहन सिंह: पुन: पद पाना मुश्किल (हिन्दी) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 22 सितंबर, 2010
  2. मनमोहन सिंह (हिन्दी) नवभारत टाइम्स। अभिगमन तिथि: 22 सितंबर, 2010