दुर्जनसाल

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  • दुर्जनसाल 1824 ई. में भरतपुर की गद्दी पर अनधिकृत क़ब्ज़ा करने वाला जाट सरदार था, जबकि वास्तविक अधिकारी मृतक राजा का नाबालिग पुत्र था।
  • ब्रिटिश सरकार ने दुर्जनसाल को मान्यता देने से इंकार कर दिया।
  • 1826 ई. में लार्ड कोम्बरमियर के नेतृत्व में एक ब्रिटिश भारतीय फ़ौज भरतपुर पर चढ़ाई के लिए भेजी गई।
  • क़िले पर अंग्रेज़ों का अधिकार आसानी से हो गया। दुर्जनसाल को क़ैद करके बाहर भेज दिया गया।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-209

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