घनत्त्व

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(अंग्रेज़ी:Density) यह सामान्य अनुभव है कि बराबर आयतन के विभिन्न पदार्थो का भार भिन्न-भिन्न होता है। यह भिन्नता पदार्थों के अणुओं या परमाणुओं के भार तथा पदार्थविशेष में उनकी संनिकटता पर निर्भर होती है, क्योंकि किसी विशेष पदार्थ के अणुओं तथा परमाणुओं का भार और उस पदार्थ में उनका रचनाक्रम लगभग निश्चित होता है। अत: पदार्थविशेष के निश्चित आयतन का भार भी निश्चित ही होता है। इकाई अयतन के पदार्थ की मात्रा को उस पदार्थ का घनत्व कहते हैं। यह पदार्थ की सघनता का द्योतक है तथा पदार्थ का विशेष गुण होता है। उपर्युक्त परिभाषा के अनुसार किसी वस्तु का घनत्व निम्नलिखित सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है:

घनत्व = मात्रा / आयतन

अत: सेंटीमीटर ग्राम सैकिण्ड[1] पद्धति में घनत्व की इकाई ग्राम घन सेंटीमीटर है।

आपेक्षिक घनत्व

साधारणतया पदार्थो के आपेक्षिक घनत्व का ज्ञान अधिक उपयोगी होता है, यथा किसी पदार्थ के पिंड का किसी द्रव में डूबना या तैरना, द्रव की अपेक्षा पदार्थ के घनत्व की अधिकता या न्यूनता पर, निर्भर करता है। जब एक पदार्थ के घनत्व की दूसरे पदार्थ के घनत्व से तुलना की जाती है, तब उससे जो अंक प्राप्त होता है वह पहले पदार्थ का आपेक्षिक धनत्व कहलाता है। आपेक्षिक घनत्व वस्तुत: पहले और दूसरे पदार्थों के घनत्व का अनुपात होता है। पदार्थो का आपेक्षिक घनत्व कुछ निश्चित मानक पदार्थों के घनत्व की तुलना से व्यक्त किया जाता है। यदि अ आयतन के एक पदार्थ की मात्रा द्रव्यमान1 तथा उसी आयतन के मानक पदार्थ की मात्रा द्रव्यमान0 है, तो उपर्युक्त परिभाषा के अनुसार पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व निम्नलिखित सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है :

आपेक्षिक घनत्व = द्रव्यमान1 / द्रव्यमान0

पदार्थ का घनत्व, या आपेक्षिक घनत्व, व्यक्त करते समय पदार्थ की भौतिक अवस्थाओं (ताप, दाब, इत्यादि) को भी व्यक्त करना आवश्यक होता है, क्योंकि भौतिक अवस्था के परिवर्तन से घनत्व में काफ़ी परिवर्तन होता है। घनत्व पर ताप तथा दाब का अधिक प्रभाव पड़ता है। यह परिवर्तन पदार्थ के आयतनपरिवर्तन के कारण होता है।

ठोस तथा द्रव पदार्थो के आयतन, तदनुरूप उनके घनत्व, पर सामान्य दाबपरिवर्तनों का प्रभाव इतना सूक्ष्म होता है कि सामान्यतया वह उपेक्षणीय होता है। दूसरी ओर सामान्य तापपरिवर्तनों का प्रभाव उपेक्षणीय नहीं होता है। अत: ठोस तथा द्रव पदार्थों के घनत्व के साथ-साथ उनका ताप व्यक्त करना ही पर्याप्त होता है। दाब को व्यक्त नहीं किया जाता। सामान्यत: ठोस तथा द्रव पदार्थों का आपेक्षिक घनत्व 4° सेंटीग्रेड पर पानी के घनत्व की तुलना से व्यक्त किया जाता है। यह आवश्यक नहीं कि पदार्थ तथा पानी का ताप एक ही हो। आपेक्षिक घनत्व को निम्नांकित प्रकार से लिखते हैं:

पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathit {D}} (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathit {t}} 1° /पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathit {t}} 0°)

यहाँ (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {t}} 1°) पदार्थ तथा (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {t}} 0°) पानी का ताप है, तथा (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {D}} ) पदार्थ क आपेक्षिक घनत्व है। यह स्मरण रखना चाहिए कि 4° सेंटीग्रेड पर पानी क घनत्व एक ग्राम/प्रति घन सेंटीमीटर होता है। अत: 4° सेंटीग्रेड पर पानी के घनत्व की तुलना से किसी पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व ही उसका घनत्व भी होता है। सुविधानुसार पानी के स्थान पर अन्य पदार्थ भी मानक के रूप में प्रयुक्त होते हैं।

गैसीय पदार्थों के आयतन तथा तदनुरूप उनके घनत्व पर सामान्य ताप तथा दाबपरिवर्तनों का बहुत प्रभाव पड़ता है। यदि द्रव्यमान (m) द्रव्यमान कि किसी गैस क परमताप (To ) पर आयतन आo (Vo ) है तो उसी मात्रा की गैस का किसी अन्य परमताप (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {T}} 1) तथा दाब (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {P}} 1) पर अयतन (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {V}} 1) हो जाता है। गैसीय नियमों की सहायता से (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {V}} 1) तथा (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {V}} 0) का निम्नांकित पारस्परिक संबंध व्यक्त किया जा सकता है :

पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathit {V}} 1 = पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\frac {P_{0}T_{1}}{T_{0}P_{1}}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathit {V}} 0

अत: परिभाषा के अनुसार (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {T}} 1) ताप एवं (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {P}} 1) दाब पर गैस के घनत्व (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {D}} 1) तथा (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {T}} 0) ताप एवं (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {P}} 0) दाब पर घनत्व (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {D}} 0) में निम्नांकित संबंध प्राप्त किया जा सकता है:

पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathit {D}} 1 = पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\frac {T_{0}P_{1}}{P_{0}T_{1}}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathit {D}} 0

उपर्युक्त समीकरण की सहायता से मानक दाब (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {P}} 0) तथा ताप (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {T}} 0) पर गैस का घनत्व ज्ञात कर लेने पर किसी अन्य ताप तथा दाब पर भी उसका घनत्व ज्ञात किया जा सकता है। 0° सेंटीग्रेड तथा 760 मिलीमीटर पारे की दाब को क्रमश: मानक ताप तथा दाब मानते हैं।

गैसों का आपेक्षिक घनत्व, उसी ताप तथा दाब पर, मानक गैस के घनत्व की तुलना से व्यक्त करते हैं। हाइड्रोजन या वायु ही मानक गैसों के रूप में प्रयुक्त होती हैं।

सामान्यत: सभी पदार्थों का घनत्व ताप बढ़ने से घटता तथा दाब बढ़ने से बढ़ता है। ताप बढ़ने के साथ पानी के घनत्व का परिवर्तन असाधारण होता है। 4° सेंटीग्रेड पर पानी का घनत्व अधिकतम होता है। इससे अधिक तथा कम ताप पर पानी का घनत्व कम हो जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (C. G. S.)