गजानन त्र्यंबक माडखोलकर
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- मराठी भाषा में राजनीतिक उपन्यास-लेखन के आरंभकर्ता और अपनी काव्यमयी शैली के लिए प्रसिद्ध माडखोलकर का जन्म 18 दिसंबर, 1899 ई. को मुंबई में हुआ।
- इन्होंने अपना साहित्यिक जीवन ‘रवि किरण मंडल’ नामक कवि समाज के सदस्य के रूप में कविता से आरंभ किया। किंतु बाद में इनकी ख्याति समालोचक और उपन्यासकार के रूप में अधिक हुई।
- गजानन त्र्यंबक माडखोलकर की प्रमुख समालोचनात्मक रचनाएँ हैं- ‘विष्णु कृष्ण चिपलूषकर’ और ‘वाङ्मय विलास’।
- उपन्यासों में प्रमुख हैं- ‘मुक्तात्मा’, ‘शाप’, ‘भंग लेते देउल’, ‘दुहेरी जीवन’, ‘प्रभदूरा’, ‘डाक बंगला’, ‘चंदनबाड़ी’ आदि।
- ‘दुहेजी जीवन’ को 1942 में सरकार ने जब्त कर लिया था। माडखोलकर की कई रचनाओं के हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ