धरमत का युद्ध

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:37, 27 मई 2011 का अवतरण ('*'''धर्मट का युद्ध''' 15 अप्रैल, 1658 ई. को लड़ा गया था। *यह यु...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • धर्मट का युद्ध 15 अप्रैल, 1658 ई. को लड़ा गया था।
  • यह युद्ध उज्जैन से 14 मील की दूरी पर हुआ था।
  • इस युद्ध में एक ओर से बीमार मुग़ल सम्राट शाहजहाँ का पुत्र दारा शिकोह अपने पिता का पक्ष लेते हुए, राजा जसवन्त सिंह तथा कासिम अली की फौजों को साथ लेकर लड़ रहा था।
  • वहीं दूसरी ओर से विद्रोही औरंगज़ेब तथा मुराद की फौजों ने भाग लिया।
  • इस युद्ध में शाही फौज की बुरी तरह से हार हुई, और उसे मुँह की खाकर पराजय का सामना करना पड़ा।
  • औरंगज़ेब ने विजयी होकर दिल्ली की ओर तेज़ी से प्रयाण किया।
  • वह चम्बल नदी पार करके आगरा से पूर्व में आठ मील की दूरी पर सामूगढ़ पहुँचा।
  • सामूगढ़ में दारा शिकोह के नेतृत्व में औरंगज़ेब की शाही फौज से पुन: मुठभेड़ हुई।
  • इस बार भी दारा शिकोह पराजित हुआ और वह युद्ध क्षेत्र से भाग खड़ा हुआ।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 215।

बाहरी कड़ियाँ