अवज्ञा

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अवज्ञा (स्त्रीलिंग) [अव+ज्ञा+क]

  • अनादर, तिरस्कार, अवमति, अवहेलना (कर्म., करण., अधि. या संबं. के साथ)-आत्मन्यवज्ञां शिथिलीचकार[1], ये नाम केचिदिह नः प्रथयन्त्वज्ञाम्[2]


समस्त पद-उपहत्त तिरस्कारपीडित, नीचा दिखाया गया-दुःखम् (नपंसक लिंग) नीचा दिखाये जाने की वेदना-मा जीवन्‌ य: परावज्ञादु:खदग्धोस्पि जीवति[3][4]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रघु. 2/41
  2. मा 1/6
  3. शि. 2/45
  4. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 116 |

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