कबड्डी

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कबड्डी एक सामूहिक खेल है, जो प्रमुख रूप से भारत मे खेला जाता है। कबड्डी नाम का प्रयोग प्राय: उत्तर भारत में किया जाता है, इस खेल को दक्षिण भारत में चेडुगुडु और पूरब में हु तू तू के नाम से भी जानते हैं। कबड्डी, भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, और पाकिस्तान में भी खेला जाता है।

खेल का मैदान

खेल का मैदान समतल तथा नर्म होना चाहिए। यह मिट्टी, खाद या बुरादे का होना चाहिए। पुरुषों के लिए मैदान का आकार 121/2 मी X 10 मी होगा। केन्द्रीय रेखा इसे दो समान भागों में बाँटेगी। प्रत्येक भाग 10 मी X 61/4 मी. होगा। स्त्रियों तथा जूनियर्स के लिए मैदान का नाप 11 मी. X 8 मी. होगा। मैदान के दोनों ओर एक मीटर चौड़ी पट्टी होगी जिसे लॉबी कहते हैं। प्रत्येक क्षेत्र में केन्द्रीय रेखा से तीन मीटर दूर उसके समानांतर मैदान की पूरी चौड़ाई के बराबर रेखाएं खीची जाएगी। इन रेखाओं को बॉक रेखाएं कहते हैं। केन्द्रीय रेखा स्पष्ट रुप से अंकित की जानी चाहिए। केन्द्रीय रेखा तथा अन्य रेखाओं की अधिकतम चौड़ाई 5 सैंटीमीटर या 2" होनी चाहिए। साइड रेखा और अंत रेखा के बाहर की ओर 4 मीटर स्थान खुला छोड़ना आवश्यक है। बैठने का ब्लॉक अंत रेखा से दो मीटर दूर होगा। पुरुषों के लिए बैठने का ब्लॉक अंत रेखा से जूनियर्ज़ के लिए 2 मीटर X 6 मीटर होगा।

समान तथा पोशाक

खिलाड़ी की पोशाक, बनियान और निक्कर होती है। इसके नीचे जांघिया या लंगोट होता है। खिलाड़ी कपड़े के जूते तथा जुराब पहन सकते है तथा बनियान भी पहन सकते हैं। बनियान के आगे पीछे नम्बर लिखा हुआ होना चाहिए। बैल्ट सेफ्टी पिन और अंगूठियों की आज्ञा नहीं है तथा नाख़ून कटे होने चाहिए।

खेल के नियम

  1. टॉस जीतने वाली टीम या तो अपनी पसन्द का क्षेत्र ले सकती है या पहले आक्रमण करने का अवसर प्राप्त कर सकती है। मध्यान्तर के पश्चात क्षेत्र या कोर्ट बदल लिए जाते है।
  2. खेल के दौरान मैदान से बाहर जाने वाला खिलाड़ी आउट हो जाएगा।
  3. खिलाड़ी आऊट हो जाता है-
  • यदि किसी खिलाड़ी के शरीर का कोई भी भाग मैदान की सीमा के बाहर के भाग को स्पर्श कर ले।
  • संघर्ष करते समय खिलाड़ी आउट नहीं होगा यदि उसके शरीर का कोई अंग या तो सीधे मैदान को छुए या उस खिलाड़ी को छुए जो सीमा के अन्दर है ।
  1. संघर्ष आरम्भ होने पर लॉबी का क्षेत्र भी मैदान में सम्मिलित माना जाता है। संघर्ष की समाप्ति पर वे खिलाड़ी जो संघर्ष मे सम्मिलित थे, लॉबी से होते हुए अपने क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं।
  2. आक्रमण खिलाड़ी 'कबड्डी' शब्द का लगातार उच्चारण करता रहेगा। यदि वह ऐसा नहीं करता तो अम्पायर उसे अपने क्षेत्र में वापिस जाने का और विपक्षी खिलाड़ी को आक्रमण करने का आदेश दे सकता है। इस स्थिति में उस खिलाड़ी का पीछा नहीं किया जाएगा।
  3. आक्रमण खिलाड़ी 'कबड्डी' शब्द बोलते हुए विपक्षी कोर्ट में प्रविष्ट होना चाहिए। यदि वह विपक्षी के कोर्ट में प्रविष्ट होने के पश्चात कबड्डी शब्द का उच्चारण करता है तो अम्पायर उसे वापिस भेज देगा और विपक्षी खिलाड़ी को आक्रमण का अवसर दिया जाएगा। इस स्थिति में आक्रामक खिलाड़ी का पीछा नहीं किया जाएगा।
  4. खेल के अंत तक प्रत्येक पक्ष अपने आक्रामक बारी-बारी से भेजता रहेगा।
  5. यदि विपक्षियों द्वारा पकड़ा हुआ कोई आक्रामक उन से बच कर अपने कोर्ट में सुरक्षित पहुँच जाता है तो उसका पीछा नहीं किया जाएगा।
  6. एक बारी में केवल एक ही आक्रामक विपक्षी कोर्ट में जाएगा। यदि एक साथ एक से अधिक आक्रामक विपक्षी कोर्ट में जाते है तो निर्णायक या अम्पायर उन्हें वापस जाने का आदेश देगा और उनकी बारी समाप्त कर दी जाएगी। इन आक्रामकों द्वारा छुए गए विपक्षी आउट माने जाएंगे। विपक्षी इन आक्रामकों का पीछा नहीं करेंगे।
  7. जो भी पक्ष एक समय में एक से अधिक खिलाड़ी विपक्षी कोर्ट में भेजता है उसे चेतावनी दी जाएगी। यदि चेतावनी देने के पश्चात भी वह ऐसा करता है तो पहले आक्रामक के अतिरिक्त शेष सभी को आउट किया जाएगा।
  8. यदि कोई आक्रामक विपक्षी कोर्ट में सांस तोड़ देता है तो उसे आउट माना जाएगा।
  9. किसी आक्रामक के पकड़े जाने पर विपक्षी खिलाड़ी जानबूझ कर उसका मुँह बन्द करके सांस रोकने या चोट लगने वाले ढंग से पकड़ने कैंची या अनुचित साधनों का प्रयोग नहीं करेंगे। ऐसा किए जाने पर अम्पायर उस आक्रामक को अपने क्षेत्र में सुरक्षित लौटा हुआ घोषित करेगा।
  10. कोई भी आक्रामक या विपक्षी एक दूसरे को सीमा से बाहर धक्का नहीं मारेगा। जो पहले धक्का देगा उसे आउट घोषित किया जाएगा। यदि धक्का मार कर आक्रामक को सीमा से बाहर निकाला जाता है तो उसे अपने कोर्ट में सुरक्षित लौटा हुआ घोषित किया जाएगा।
  11. जब तक आक्रामक विपक्षी कोर्ट में रहेगा तब तक कोई भी विपक्षी खिलाड़ी केन्द्रीय रेखा से पार आक्रामक के अंग को शरीर के किसी भाग से नहीं छूएगा। यदि वह ऐसा करता है तो उसे आउट घोषित किया जाएगा।
  12. यदि कोई आक्रामक बिना अपनी बारी के जाता है तो अम्पायर उसे वापिस लौटने का आदेश देगा। यदि बार-बार ऐसा करता है तो उसके पक्ष को एक बार चेतावनी देने के पश्चात विपक्षियों को एक अंक दे दिया जाएगा।
  13. नये नियमों के अनुसार बाहर से पकड़ कर पानी पीना फाऊल नहीं है।
  14. जब एक दल विपक्षी दल के सभी खिलाड़ियों को निष्कासित करने में सफल हो जाए तो उन्हें 'लोना' मिलता है। 'लोना' के दो अंक अतिरिक्त होते हैं। उसके पश्चात खेल पुन: शुरु होगा।
  15. आक्रामक को यदि अपने पक्ष के खिलाड़ी द्वारा विपक्षी के प्रति चेतावनी दी जाती है तो उसके विरुद्ध 1 अंक दिया जाएगा।
  16. किसी भी आक्रामक या विपक्षी को कमर या हाथ पांव के अतिरिक्त शरीर के किसी भाग से नहीं पकड़ सकता। इस नियम का उल्लंघन करने वाला आउट घोषित किया जाएगा।
  17. खेल के दौरान यदि एक या दो खिलाड़ी रह जाएं तथा विरोधी दल का कप्तान अपनी टीम को खेल में लाने के लिए उन्हें आऊट घोषित कर दे तो विपक्षियों को घोषणा से पहले शेष खिलाड़ियों की संख्या के बराबर अंकों के अतिरिक्त 'लोना' के दो अंक और प्राप्त होंगे।
  18. विपक्षी के आउट होने पर आउट खिलाड़ी उसी क्रम में जीवित किया जाएगा जिसमें वह आउट हुआ है।
  19. खिलाड़ियों के साथ भी मैच आरम्भ किया जा सकता है परंतु जब 5 खिलाड़ी आउट हो जाएं तो हम पूरा 'लोना' अर्थात 5+2 (खिलाड़ियों 1-5 अंक और 2 अंक लोने के) अंक देते है। जब खिलाड़ी आ जाएं तो वे टीम में डाले जा सकते हैं।


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