अंतर्राष्ट्रीय बैंक
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अंतर्राष्ट्रीय बैंक (पुनर्निर्माण और विकास से संबद्ध) संयुक्त राष्ट्रसंघ से संबद्ध एक संस्था है। यह संस्था जून, 1946 में अस्तित्व में आई। इसका उद्देश्य उत्पादन वृद्धि, जीवन स्तर के विकास और विश्व के व्यापार क्षेत्रों में अधिक अच्छा संतुलन लाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पूँजी विनियोजन और विनियोग है।
- बैंक का कोष सदस्य राष्ट्रों द्वारा लगाई गई निधि से, बांडों के विक्रय से, ऋण पत्रों के कुछ अंशों के विक्रय तथा ऋणों की वापसी की धनराशि से संचित होता रहता है।
- विकास कार्यक्रमों के लिए धनराशि प्रदान करने में सुविधा हो, इस दृष्टि से बैंक ने सहयोग प्रदान करने वाले राष्ट्रों की परामर्शदात्री समितियाँ बना दी हैं।
- ये समितियां कोलंबिया, भारत, कोरिया, मलेशिया, मोरक्को, नाइजीरिया, पाकिस्तान, पेरू, सूडान, थाइलैंड, ट्यूनीशिया और पूर्वी अफ्रीका के राष्ट्रों की सहायता के विषय में राय देती हैं।
- आवश्यकता होने पर यह विशेषज्ञों की सहायता भी लेता है।
- पूर्वी और पश्चिमी अफ्रीका में इसने कृषि तथा यातायात कार्यक्रमों की योजना प्रस्तुत करने में सहायता देने के लिए स्थायी कमीशन नियुक्त कर रखे हैं।
- सदस्य राष्ट्रों को कृषि और शिक्षा योजनाओं में भी यह सहायता देता है।
- विदेशी मुद्रा प्रतिबंधों के कारण जो राष्ट्र ऋण लेने में अपेक्षाकृत कम सक्षम हैं, उनकी सहायता के लिए बैंक के सदस्य राष्ट्रों ने 1960 ई. में अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ की स्थापना की।
- यह लंबी अवधि के लिए ब्याजमुक्त विकास ऋण स्वीकृत करता है।
- इस विकास संघ को विश्व बैंक से अनुदान प्राप्त होता है तथा इसका प्रधान कार्यालय वाशिंगटन में है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |