अंबाला
अंबाला शहर, पूर्वोत्तर हरियाणा राज्य, पश्चिमोत्तर भारत, घग्घर नदी से लगभग 6.5 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। अंबाला बहुत ख़ूबसूरत स्थान है।
इतिहास
अंबाला की स्थापना 14 वीं शताब्दी में अम्बा नामक राजपूत ने की थी। यहाँ आम की पैदावार अधिक होती थी इस लिए इसे अम्बवाला कहा जाता था, जो अब बिगड़कर अंबाला बन गया।
कृषि और खनिज
अंबाला के पास आमों की खेती की जाती है।
यातायात और परिवहन
यह शहर अमृतसर और दिल्ली से सड़क और रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है। शहर से संलग्न अंबाला छावनी में रेलों के एक बड़े जंक्शन के साथ एक हवाई अड्डा भी है। साथ ही यह भारत की सबसे बड़ी छावनियों में से एक है।
उद्योग और व्यापार
अंबाला एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक शहर है। वैज्ञानिक उपकरणों, सिलाई मशीनों, मिश्रण यंत्रों (मिक्सर) और मशीनी औज़रों के निर्माण तथा कपास की ओटाई, आटा मिलों व हथकरघा उद्योग की दृष्टि से अंबाला छावनी व शहर, दोनों उल्लेखनीय हैं। एक महत्त्वपूर्ण कृषि मंडी होने के साथ अंबाला में एक सरकारी धातु कार्यशाला भी है।
पर्यटन स्थल
अंबाला के पास ही बराड़ा, नागल, मुलाणा, साहा और शहजादपुर आदि शहर भी हैं। पर्यटक चाहें तो इन शहरों में भी घूमने जा सकते हैं। इसके दक्षिण-पूर्व में यमुनानगर, दक्षिण में कुरुक्षेत्र और पश्चिम में पटियाला व रोपड़ स्थित हैं। समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 900 फीट है। यह धार्मिक पर्यटन स्थलों से भरा पड़ा है।
अंबाला अपने धार्मिक तीर्थस्थलों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इन स्थलों में मन्दिर, गुरुद्वारे, चर्च और दरगाह-मस्जिदें प्रमुख हैं।
- यहाँ पर पर्यटक हिन्दुओं की देवी भवानी का मन्दिर देख सकते हैं। इस मन्दिर का नाम भवानी अम्बा है।
- मन्दिर देखने के बाद पर्यटक गुरुद्वारे देख सकते हैं।
- बादशाही बाग़ गुरुद्वारा
- शीशगंज गुरुद्वारा
- मंजी साहिब गुरुद्वारा
- संगत साहिब गुरुद्वारा
यहाँ के प्रमुख गुरुद्वारे हैं। सिक्ख गुरुओं गुरु गोविंद सिंह, गुरु तेगबहादुर सिंह और गुरु हरगोविंद सिंह का भी इन गुरुद्वारों से संबंध रहा है।
- गुरुद्वारों के अलावा यहाँ का लखीशाह, तैक्वाल शाह और सेंट पॉल चर्च भी पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। चर्च के पास ही एक क़ब्रिस्तान भी है।
- यह सब देखने के बाद पर्यटक अंबाला कैंट में स्थित पटेल पार्क और अंबाला शहर का सिटी पार्क घूमने जा सकते हैं।
- इन बगीचों के पास बुरिया में रंगमहल भी है। यह महल बहुत ख़ूबसूरत है। इस महल की आर्क, स्तम्भ और नक़्क़ाशी पर्यटकों को बहुत पसंद आती है। इसका निर्माण शाहजहाँ के शासनकाल में किया गया था।[1]
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- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 61 |