अकुत:
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अकुतः (क्रि. वि.)
- कहीं से नहीं (इसका प्रयोग केवल समस्तपदों में होता है)। सम.-चलः शिव का नाम,-भय (विशेषण) सुरक्षित, जिसे कहीं से भी भय न हो- मादृशानामपि अकुतोभयः संचारो जातः- उत्त. 2, यानि त्रीण्यकुतोभयानि च पदान्यासन्ख- रायोधने (पाठान्तर) अपराङमुखाणि- उत्त. 5/351[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 04 |
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