अक्षि

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अक्षि (नपुं.) [अश्नुते विषयान्-अश्+क्सि] (अक्षिणी, अक्षीणि, अक्ष्णा, अक्ष्णः आदि)

1. नेत्र, आँख

2, दो की संख्या। सम.-कंपः झपकी-रघुवंश 14/671 -कूट:-कूटकः-गोलः-तारा आँख का डेला, आँख की पुतली।-गत (विशेषण)

1. दृश्यमान, उपस्थित-शि. 9/81,
2. आँख में रड़कने वाला, आँख का काँटा, घृणित-°तोऽहमस्य हास्यो जातः-दश. 159-तर (न.) आँख के समान निर्मल जल; परिष्कृत जल। पक्ष्मन्, -लोमन् (न.) पलक-पटलं
1. आँख की झिल्ली
2. झिल्ली से संबद्ध आँख का रोग-विकूणितं,-विकूशितं तिरछी नजर, अधखुली आँखों से देखना।[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 06 |

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