अखिल
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अखिल (विशेषण) [नास्ति खिलम् अवशिष्टम् यस्य-न. ब.]
1. एक-एक कण कर के न लिया जाने वाला, सम्पूर्ण, समस्त, पूरा; इसका प्रयोग प्रायः 'सर्व' के साथ पाया जाता है:-एतद्धि मत्तोऽधिजगे सर्वमेषो- ऽखिलं मुनिः-मनुस्मृति 1/59 °लेन (क्रि. वि.) पूर्ण रूप से
2. भूमि जो परत की न हो, जुती हुई हो।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 06 |
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