अग्निसात्
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अग्निसात् (अव्य.) आग में जलाया या भस्म किया हुआ, अग्नि की दशा तक, इसका प्रयोग समस्त पद में 'कृ' धातु (जलाना, भस्म करना) के साथ किया जाता है- 'न चकार शरीरमग्निसात्- रघुवंश 8/72; भू जलाया जाना।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 08 |
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