अचिर

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अचिर (विशेषण) [न. त.]

1. संक्षिप्त, क्षणिक, क्षणस्थायी, देखिये °द्युति, °भास, °प्रभा आदि।
2. नया-रघुवंश 8/20;
  • समस्त पदों में 'अचिर' का अर्थ है-हाल में, अभी, कुछ ही पहले-प्रवृत्तं ग्रीष्मसमयमधिकृत्य- श. 1;
  • अभी अभी, °प्रसूता-श. 4.
  • अभी अभी जिसने बच्चे को पैदा किया है (यह एक हरिणी के विषय में कहा गया है जो प्रसवोपरान्त चल बसी है)-अथवा गाय जिसने बछड़े को जन्म दिया है-रं [क्रि.वि.] [अचिरेण, अचिराय, अचिरात् और अचिरस्य भी इसी अर्थ के द्योतक हैं][1]
1. बहुत देर नहीं हुई, अभी कुछ पहले
2. हाल ही में, अभी,
3. शीघ्र, जल्दी, बहुत देर न करके

सम.-अंशु,-आभा,-द्युति, प्रभा,-भासु,-रोचिस् (स्त्रीलिंग) बिजली- °शुविलासचंचला लक्ष्मीः-कि. 2/19, °भासां तेजसा चानुलिप्तैः-श. 7/7


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 14 |

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