अञ्ज्
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अञ्ज् (रुघा. पर. सक. अनिट्) [कहीं कहीं-आत्मने-पद] [अनक्ति-अंक्ते, अक्त]
- 1. मिलाना; जाना, लेपना, सानना, रंग पोतना।
- 2. स्पष्ट करना, प्रस्तुत करना, प्रकाशित करना, चित्रण करना।
- 3. जाना
- 4. चमकना
- 5. सम्मानित करना, समारंभ करना।
- 6. सजाना; प्रेर.-
- 1. सानना
- 2. बोलना, चमकना उपसर्गों के साथ।
अधि-उपकरण जुटाना, सुसज्जित करना;
अभि-
- 1. लीपना, सानना
- 2. कलुषित करना, मलिन करना, अभिदि-प्रकट करना, व्यक्त करना;
आ-
- 1. लेप करना
- 2. सरल बनाना, तैयार करना
- 3. सम्मानित करना
वि- प्रकट करना, व्यक्त करना, जाहिर करना-अकिञ्चनत्वं मखजं व्यनक्ति-रघुवंश 5/16, शि. 26[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 17 |
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