अट्
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अटू (भ्वा. पर. अक. सेट, आ. विरल) [अटति, अटित]
- इधर-उधर घूमना, आना जाना, (अधि. के साथ); (कई बार कर्म. के साथ), भो बटो भिक्षामट-सिद्धा. 'भिक्षा मांगने आओ'-आट नैक- टिकाश्रमान्- भट्टि. 4/12; (यङ्न्त) अटाट्यते, स्वभावतः इधर उधर घूमना जैसे कि कोई साधु संत घूमता है।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 18 |
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