अतिपत:
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अतिपतः [अति+पत्+घञ्]
- 1. नष्ट हो जाना; (समय का) बीत जाना।
- 2. उपेक्षा, भूल, अतिक्रमण-न चेदन्यकार्यातिपातः श. 1; (यदि इस प्रकार दूसरे कर्तव्य की उपेक्षा न की गई), सर्वसम्मत नियम या प्रथाओं का उल्लंघन।
- 3. आ पड़ना, घटना
- 4. दुर्व्यवहार या दुष्प्रयोग
- 5. विरोध, वैपरीत्य[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 21-22 |
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