अतिप्रसङ्गः, अतिप्रसक्तिः (स्त्रीलिंग) [अति+प्र+संज्+घञ् क्तिन् वा]
- 1. प्रगाढ़ प्रेम, अत्यधिक लगाव
- 2. धृष्टता
- 3. किसी (व्या.) नियम का व्यर्थ अधिक विस्तार अर्थात् अतिव्याप्ति
- 4. बहुत घना संपर्क
- 5. प्रपञ्च, अलमतिप्रसंगेन-मुद्रा. 1[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 22 |
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