अत्र
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अत्र (अव्य.) [इदम् या एतद्+त्रल् प्रकृतेः अश्भाश्च्]
- 1. इस स्थान पर यहाँ-अपि सन्निहितोऽत्र कुलपतिः-श. 1
- 2. इस विषय में, इसमें, बात में, मामले में, इस संबंध में।
सम.-अन्तरे अन्नान्तरे (कि. वि.) इसी बीच में,-भवत् (पुल्लिंग-भवान्) श्लाघ्य, पूज्य, सम्मानसूचक विशेषण जो 'आदरणीय' 'सम्माननीय' 'मान्यवर श्रीमान्' अर्थ को प्रकट करता है तथा उस व्यक्ति की ओर संकेत करता है जो वक्ता के पास उपस्थित या निकट विद्यमान हो; दूरवर्ती या परोक्ष के लिए तत्रभवत् शब्द है; °भवती=आदरणीय श्रीमती; (पूज्यं तत्रभवानत्रभवांश्च भगवानपि), अत्र भवान् प्रकृतिमापन्नः-श. 2; वृक्षसेचनादेव परिश्रांता-मत्रभवतीं लक्षये-श. 1[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 25 |
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