अधस्‌ अध:

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अधस् अधः (अव्य.) [अधर+असि, अधरशब्दस्य स्थाने अधादेशः]

1. तले, नीचे-पतत्यधो धाम विसारि सर्वतः-शि. 1/2, निम्न प्रदेश में, नारकीय प्रदेशों में या नरक में (प्रकरण के अनुसार 'अधः' शब्द का अर्थ कर्तृकारक का होता है-°अंशुकं आदि; अपादान के साथ-अधो वृक्षात् पतति या अधिकरण के साथ-अधो गृहे शेते)
2. संबंध-कारक के साथ 'संबंधबोधक अव्ययों' की भांति प्रयुक्त 'के नीचे' 'के तले' अर्थ को प्रकट करते हैं-तरूणाम्°-श. 1/14, (जब द्विरुक्ति की जाती है तो अर्थ होता है)-नीचे-नीचे, तले-तले- अधोऽधो गंगेयं पदमुपगता स्तोकम्-भर्तृ. 20, 10 (कर्म कारक के साथ) नीचे से, नीचे ही नीचे-सम.-अंशुकम् (अधोंऽशुक) (न.) अधोवस्त्र,-अक्षजः (अधोऽक्षज्ञ) विष्णु,-अधस् दे. ऊपर,—उपासनम् मैथुन,-करः (पुल्लिंग) हाथ का निचला भाग (करभ),-करणम् आगे बढ़ जाना, हरा देना, अपमानित करना-खननम् अंदर-अंदर सुरंग खोदना,-गतिः (स्त्रीलिंग),-गमनम्-पातः
1. नीचे की ओर गिरना या जाना, उतरना
2. अधःपतन, हार,-गर्न्तृ (पुल्लिंग) चूहा,-चरः चोर,-जिह्निका (स्त्रीलिंग) उपजिह्वा (मराठी में 'पडजीभ' कहते हैं)-दिश् (स्त्रीलिंग) अधोबिन्दु, दक्षिण की दिशा,-दृष्टिः (स्त्रीलिंग) नीचे की ओर देखना,–पातः=°गतिः दे. ऊपर,-प्रस्तरः घास का बना आसन विलाप करने वाले व्यक्तियों के बैठने के लिए,-भागः (पुल्लिंग)
1. शरीर का निचला भाग
2. किसी चीज का निचला हिस्सा-भुवनम्,-लोकः (पुल्लिंग)-पाताल लोक, निम्नतर प्रदेश,-मुख,-वदन (विशेषण) नीचे को मुख किए हुए,-लंबः 1. पंसाल, साहुल, 2. खड़ी सरल रेखा,-वायुः अपानवायु, अफारा,-स्वस्तिकम् अधोबिन्दु।[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 29 |

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