अधिकरणम्
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अधिकरणम् [अधि+कृ+ल्युट्]
- 1. प्रधान स्थान पर रखना, नियुक्ति
- 2. संबंध, उल्लेख, संपर्क
- 3. (व्या.) अनुरूपता, लिंग, वचन, कारक और पुरुष की समानता, अन्वय, कारक चिह्नों का इतर शब्दों से संबंध
- 4. प्रस्ताव, विषय, किसी विषय पर पूर्ण तर्क
- 5. न्यायालय, कचहरी, न्यायाधिकरण
- 6. दावा
- 7. प्रभुता
सम.-भोजकः (पुल्लिंग) न्यायाधीश, निर्णाक, निर्णयकर्ता,-मंडपः (पुल्लिंग) कचहरी या न्याय भवन,-विचाल (पुल्लिंग) किसी वस्तु के गुण में ह्रास या वृद्धि करते जाना;-सिद्धान्तः (पुल्लिंग) ऐसा उपसंहार जिसका प्रभाव औरों पर भी पड़े।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 30 |
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