अनर्थ
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अनर्थ (विशेषण) [न. ब.]
- 1. अनुपयुक्त, निकम्मा
- 2. भाग्यहीन, सुखरहित
- 3. हारिकारक
- 4. अर्थहीन, निरर्थक,-र्थः पुल्लिंग [न. त.]
- 1. उपयोग या मूल्य का न होना
- 2. निकम्मी या अनुपयुक्त वस्तु
- 3. विपत्ति, दुर्भाग्य-रंधोपनिपातिनोऽर्थाः- श. 6. छिद्रेष्वनर्था बहुलीभवन्ति
- 4. अर्थ का न होना, अर्थ का अभाव
सम.-कर (विशेषण) (स्त्रीलिंग-री) अनिष्टकर, हानिकर।-दर्शिन (विशेषण) अहित चाहने या सोचने वाला, व्यर्थ या निकम्मी वस्तु पर ध्यान देने वाला।-निरनुबन्ध (पुल्लिंग) किसी कमजोर राजा को लड़ने के लिए उभाड़ कर स्वयं अलग हो जाना।-बुद्धि विशेषण जिसकी समझ बिलकुल गई बीती हो।-संशय पुल्लिंग वह कार्य जिसमें बहुत अनिष्ट की आवश्यकता है।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 37 |
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