अनाश्रव
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अनाश्रव (विशेषण) [नञ+आ+श्रु+अच्]
- जो किसी की न सुने, ढीठ, किसी की बात पर कान न दे-भिषजामनाश्रवः रघुवंश 19/49[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 39 |
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