अनास्था
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अनास्था [न. त.]
- 1. उदासीनता, तटस्थता, आस्था का अभाव-अनास्था बाह्यवस्तुषु-कु. 6/63, पिंडेष्व नास्था खलु भौतिकेषु-रघुवंश 2/57, स्त्री पुगानित्य-नास्यैषा वृत्तं हि महितं सताम्-कु. 6/12
- 2. श्रद्धा या विश्वास का अभाव, अनादर[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 39 |
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