अनुभाव:
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अनुभावः (पुल्लिंग) [अनु-भू+णिच्+घञ्]
- 1. मर्यादा, व्यक्ति की मर्यादा या गौरव, राजसी चमक-दमक, वैभवशक्ति, बल, अधिकार, अनुभाव, विशेषात्तु सेनापरिवृताविव-रघुवंश 1/37;-संभावनीयानुभावा अस्याकृतिः-श. 7
- 2. (सा. शा. में) दृष्टि, संकेत आदि उपयुक्त लक्षणों द्वारा भावना को प्रकट करना, भावं मनोगतं साक्षात् स्वगतं व्यंजयति ये तेऽनुभावा इति ख्याताः, यथा भ्रूभंगः कोपस्य व्यंजक:- दे. सा. द. 162
- 3. दृढ़ संकल्प विश्वास[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 46 |
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