अन्तरि
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अन्तरि (री क्षम् (नपुं.) [अन्तः स्वर्गपृथिव्योर्मध्ये ईक्ष्यते इति-अन्तर्+ईक्ष+घञ्, पृषो. हस्वतः वा]
सम.-उदरम् वातावरण का मध्य,-गः-चर्: (पुल्लिंग) पक्षी,-जलम् (नपुं.) ओस-लोकः (पुल्लिंग) मध्यवर्ती प्रदेश जो कि एक स्वतंत्र लोक समझा जाता है।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 55 |
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