अन्तर्भाव:
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अन्तर्भावः (पुल्लिंग) [अन्तर+भू+घञ्]
- 1 अन्तर्भूत या अन्तर्मिलित होना, अन्तर्गत होना,-तेषां गुणा-नामोजस्यन्तर्भावः-काव्य. 8
- 2. अन्तर्हित भाव[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 55 |
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