अन्तिक
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अन्तिक (विशेषण) [अन्तः सामीप्यमस्यातीति-अन्त+ठन्]
- 1. निकट, समीप (संब. या अपा. के साथ)
- 2. पहुंचने वाला
- 3. टिकाऊ, तक,-कम् निकटता, सामीप्य, पड़ोस, उपस्थिति,-°न्यस्त-रघु. 2/24 कर्ण-°चर-श. 1/24, (क्रि. वि.) (संब. और अपा. के साथ अथवा समास के अन्त में) निकट, पड़ोस में,-अन्तिक ग्रामात् ग्रामस्य वा-सिद्धा., सामीप्य या सन्निधि में,अन्तिकेन-निकट (संब. के साथ) अन्तिकात्-निकट, पास से, से (अपा. या संब.) कादागत,-अंतिके निकट
सम.-आश्रयः (पुल्लिंग) पास की वस्तु का सहारा लेने वाला, लगातार सहारा (जैसा कि वृक्ष के द्वारा लता को दिया जाता है)।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 56 |
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