अन्त्य
अन्त्य (विशेषण) [अन्त+यत्]
- 1. अन्तिम, चरम (अक्षर या शब्द आदि) अन्त में (समय, क्रम या स्थान की दृष्टि से) जैसे कि अक्षरा में 'ह', नक्षत्रों में 'रेवती', अन्तिम ऋण|
- 2. तुरन्त बाद में, (समा.)
- 3. निम्नतम, अधम, घटिया, नीच,-न्त्यः (पुल्लिंग)
सम-अवसायिन् (पुल्लिंग-यी, स्त्रीलिंग-यिनी) अधम जाति की स्त्री या निम्नांकित सात इसी श्रेणी से संबंध रखने समझे जाते हैं।-आहुतिः,-इष्टिः (स्त्रीलिंग)-कर्मन्-क्रिया अंत्येष्टि संस्कार की आहुतियाँ और्ध्वदैहिक संस्कार,-ऋणम् (नपुं.) तीन में अन्तिम जिससे कि प्रत्येक व्यक्ति को उऋण होना है अर्थात् सन्तानोत्पत्ति करना, दे. अनृण,-जः (पुल्लिंग)-जन्मन् (पुल्लिंग) 1. शूद्र 2. सात नीच जातियां (चांडाल आदि) में से एक,-जन्मन्,-जाति, -जातीय (विशेषण) 1. नीच जाति में उत्पन्न होने वाला, 2. शूद्र 3. चांडाल भम् (नप अन्तिम चान्द्र नक्षत्र रेवती,–युगम् (नपुं.) अन्तिर अर्थात् कलियुग, -योनि (विशेषण) नीच वंश का मनुस्मृति 8/68,-लोपः (पुल्लिंग) शब्द के अन्तिम अक्षर का लोप करना,-वर्णः (पुल्लिंग)-वर्णा (स्त्रीलिंग) नीच जाति का पुरुष या स्त्री, शूद्र या शूद्रा।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 56 |
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