अपत्यम्
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अपत्यम् (नपुं.) [न पतन्ति पितरोऽनेन-नञ्+पत्+यत्]
- 1. सन्तान, बच्चे, प्रजा, संतति (मनुष्यों की और पशुओं की), बेटा या बेटी; एक ही कुल में उत्पन्न पुत्र, पौत्र तथा प्रपौत्र आदि। अपत्यवाचक प्रत्यय।
सम.-काम (विशेषण) सन्तान का इच्छुक,-पथः (पुल्लिंग) योनि,-प्रत्ययः (पुल्लिंग) अपत्यवाची प्रत्यय,-विक्रयिन् (विशेषण) सन्तान का विक्रेता, वह पिता जो धन के लालच से अपनी कन्या को भावी जामाता के हाथ बेच देता है;-शत्रुः (पुल्लिंग) 1. केंकड़ा 2. साँप।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 63 |
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